जबलपुर: जिस कोर्स में मुट्ठी भर एडमीशन, ऐसे सब्जेक्ट की जरूरत क्या

  • छात्र बताएँगे नए जमाने में क्या और कैसी हो पढ़ाई
  • डाटा जुटाने में लगी 5 सदस्यीय समिति, विवि प्रशासन को सौंपेगी रिपोर्ट
  • फिर तय होंगे नए पाठ्यक्रम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-15 11:23 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में ऐसे कई डिपार्टमेंट हैं, जिनमें छात्रों की संख्या बमुश्किल से दर्जन भर है। सोचिए… ऐसे कोर्स का मतलब क्या? दरअसल कई कोर्स ऐसे हैं, जो मौजूदा दौर के हिसाब से फिट नहीं बैठते।

यही वजह है कि विवि प्रशासन ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। 5 सदस्यों वाली एक कमेटी बनाई गई है, जो विशेषज्ञों के साथ छात्रों से इस बात की जानकारी जुटाएगी कि कौन से नए कोर्स विश्वविद्यालय में शुरू किए जाने चाहिए..।

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में एजुकेशन सैटअप अगले कुछ समय में बदला नजर आ सकता है। वैसे भी सीधे तौर पर देखा जाए तो विवि में वक्त के साथ नए और जरूरी पाठ्यक्रमों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। हालात ये हो गए कि कई विषयों में विद्यार्थियों की दिलचस्पी घटती चली गई।

हर विभाग में पहुची टीम| विश्वविद्यालय प्रशासन ने पाँच सदस्यीय टीम को हर एक विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है। टीम में शामिल प्रो एसएन बागची, प्रो एसएस सिंधु, प्रो विशाल बन्ने, प्रो विवेक मिश्रा तथा पंचम सनोडिया शामिल हैं।

जानकारों का कहना है कि टीम ने कुल 30 विभागों में से अब तक 18 से 20 विभागों में पहुँचकर डाटा जुटा लिया है। प्रोफेसर्स के अलावा हर एक विषय के विद्यार्थियों से भी रायशुमारी की जा रही है। विभागों से छात्रों की मौजूदा छात्र संख्या और बीते वर्षों में घटते-बढ़ते आँकड़ों का ब्यौरा भी जुटाया गया है।

बोर्ड परीक्षाओं के मानदेय में न रहे भिन्नता

प्रांतीय शासकीय व्याख्याता एवं प्राचार्य संघ ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के संभागीय अधिकारी को माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव के नाम दिए गये ज्ञापन में कहा है कि इस वर्ष आयोजित परीक्षा में जिम्मेदारी निभाने वाले राजपत्रित वर्ग के केन्द्राध्यक्ष का मानदेय 250 रुपये प्रतिदिन है, जबकि उसी केन्द्र पर एक घंटा रुकने वाले कलेक्टर प्रतिनिधि का मानदेय 4 सौ रुपये प्रतिदिन है।

मानदेय में इतनी असमानता क्यों है। ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि हो जाने के कारण परीक्षा में मंडल द्वारा निर्धारित मानदंड अनुसार भुगतान कर पाना असंभव हो रहा है।

इस अवसर पर वायएन द्विवेदी, आरके बधान, राकेश शर्मा आदि मौजूद रहे।

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