लेमा गार्डन के आवासों पर फिर हुए अवैध कब्जे, जिम्मेदार मौन

हाईकोर्ट के आदेश पर कराए गए थे खाली, 434 आवासों में से 220 का ही हुआ आवंटन, नहीं हो पा रही मॉनिटरिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-02 10:35 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

लेमा गार्डन के आवासों पर फिर से अवैध कब्जे होने लगे हैं। अवैध कब्जे करने वालों को जिला प्रशासन और नगर निगम का भी भय नहीं है। क्षेत्रीय नागरिकों का आरोप है कि नगर निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत से आवासों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। लेमा गार्डन में रहने वाले नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं जा रही है।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम ने वर्ष 2017 में राजीव गांधी आवास योजना के तहत लेमा गार्डन में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 434 आवास बनाए थे। आवंटन के पहले ही आवासों में अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। इसको लेकर काफी विवाद हुआ था। हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2021 में जिला प्रशासन और नगर िनगम ने आवासों को खाली कराया था। इसके बाद आवासों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। आवासों के आवंटन के लिए नगर निगम के पास 1132 आवेदन आए थे। इनमें से 434 लोगों की लॉटरी निकली थी। जिनके नाम की लॉटरी निकली थी, उन्हें 3 लाख 82 हजार रुपए जमा करने के बाद आवासों का आवंटन किया जाना था।

साल भर में भी पूरी नहीं हो पाई आवंटन प्रक्रिया

जानकारों का कहना है कि अभी तक 434 में से 220 आवासों का आवंटन हो पाया है। लगभग 100 आवास ऐसे हैं, जिनकी बैंकों में लोन की प्रक्रिया चल रही है। शेष 114 आवास अभी भी खाली हैं। खाली आवासों में अवैध कब्जे हो रहे हैं। लेमा गार्डन में रहने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम के कर्मचारी ही खाली आवासों में अवैध कब्जे करा रहे हैं। शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।

खिड़की और दरवाजे हो गए चोरी

लेमा गार्डन के खाली आवासों के खिड़की और दरवाजे चोरी हो गए हैं। कई आवास ऐसे हैं, जिनकी बिजली की फिटिंग तक उखाड़कर ले गए हैं। खाली आवास अब रहने लायक नहीं बचे हैं। यह मामला नगर निगम सदन की बैठक में भी उठा था। इसके बाद भी नगर निगम द्वारा आवासों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।

लेमा गार्डन में आवासों के आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। खाली आवासों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। यदि कोई अवैध रूप से इनमें प्रवेश करता है तो उनसे आवास खाली कराए जाते हैं।

-सुनील दुबे, प्रभारी आवास योजना नगर निगम

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