स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट: लैब के लिए खाली होगा वार्ड तो कहाँ जाएँगे कैंसर पीड़ित

  • आउटसोर्स सेंट्रल लैब के लिए कंपनी ने इंस्टाॅल कीं मशीनें
  • आउटसोर्स सेंट्रल पैथोलाॅजी लैब बनाने का काम तेजी से चल रहा है
  • जबलपुर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ही जगह चिन्हित कर दी गई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-01 12:24 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित प्रदेश के इकलौते स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में कैंसर मरीजों का हक छीनकर आउटसोर्स सेंट्रल पैथोलाॅजी लैब बनाने का काम तेजी से चल रहा है।

आउटसोर्स लैब के लिए मेडिकल कॉलेज की पैथोलॉजी लैब में कार्यरत टेक्नीशियन्स को बीते दो दिनों से ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें सेंट्रल लैब, सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल, एसईपीएम आदि में स्थापित लैब के टेक्नीशियन्स हैं।

यह ट्रेनिंग आउटसोर्स लैब की कंपनी द्वारा दी जा रही है। कॉलेज के लैब टेक्नीशियन्स पूर्व में भी इस तरह की ट्रेनिंग का विरोध कर चुके हैं। इधर पुरुष वार्ड नं.2 से जुड़े कमरों में लैब से संबंधित मशीनें और अन्य संसाधन इंस्टाॅल कर दिए गए हैं, साथ ही निजी कंपनी ने स्टाफ की तैनाती भी कर दी है।

वहीं इन कमरों से जुड़ा पुरुष वार्ड जल्द ही खाली कराया जाना है। इस वार्ड में लगभग 20 बेड हैं, जिन पर अभी मरीज भर्ती होकर उपचार ले रहे हैं। अगर वार्ड खाली कराया जाएगा तो यहाँ भर्ती मरीज कहाँ जाएँगे, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

एक वार्ड कम होने से बिस्तरों की संख्या भी घट जाएगी। बता दें कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की सभी पैथोलॉजी जाँचें आउटसोर्स एजेंसी से कराने का निर्णय लिया था, जिसके बाद जबलपुर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ही जगह चिन्हित कर दी गई।

Tags:    

Similar News