जबलपुर: कैसे स्मूथ होगा ट्रैफिक: कम चौड़ाई में बनाई जा रही सड़क, फुटपाथ और डिवाइडर भी गायब
मदन महल- गंगा सागर रोड लोगों ने कहा- निर्माण में बड़ी राशि हो रही खर्च फिर भी दिख रही विजन की कमी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
शहर के पश्चिमी हिस्से में जिन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, उनकी चौड़ाई तो घटाई ही गई, साथ ही डिवाइडर और फुटपाथ भी निर्माण से गायब हो गए हैं। मदन-महल से गंगासागर रोड, इसी तरह से गुलौआताल से गौतम मढ़िया सड़क पर प्लान में फुटपाथ, बीच के हिस्से में डिवाइडर है, लेकिन निर्माण के वक्त इनके अनुसार सड़क को ढाला ही नहीं जा रहा है। मदन-महल सड़क पर एक हिस्से की 300 मीटर की सीमा तक सड़क बना दी है, लेकिन फुटपाथ के लिए जगह नहीं छोड़ी गई है।
इसी तरह गुलौआ चौक पर सड़क लगभग पूरी होने की स्थिति में है, लेकिन इसमें न फुटपाथ और न ही डिवाइडर है। क्षेत्र की जनता नगर निगम की इस तरह की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है। लोगों का कहना है कि नगर निगम कागज में तो प्लान पूरा बनाता है, उसके हिसाब से कब्जे भी अलग किये जाते हैं, पर सड़क को कभी 20 से 25 सालों के विजन के हिसाब से नहीं बनाया जाता है। अभी जो सड़क बन रही है, वह जैसे तैसे बनाई जा रही है, इसमें ट्रैफिक सहज हो और जनता को पूरी राहत मिल सके, ऐसा कुछ भी नहीं है।
इसलिए प्लान से सब कुछ बाहर
मदन-महल गंगा सागर सड़क को 80 फीट चौड़ाई में बनाया जाना था, लेकिन इसकी चौड़ाई को सीमेण्टेड 50 फीट और बीच के हिस्से में 40 फीट तक सीमित कर दिया गया। चौड़ाई घटने के साथ इस हिस्से में फुटपाथ, डिवाइडर गायब हो गये। इसी तरह गुलौआ चौक सड़क की चौड़ाई को घटाने के साथ इसमें न तो डिवाइडर बन सका और न ही फुटपाथ बनेगा, इसकी कोई गुंजाइश बची है। इस तरह एक सड़क में दो करोड़ और एक में सवा करोड़ से अधिक राशि खर्च होने के बाद भी जनता को समस्या से निजात नहीं मिल सकेगी।
15 साल से लगातार बन रही हैं सड़कें
लोगों का कहना है कि शहर के पश्चिमी हिस्से में बीते डेढ़ दशक से सड़कों का निर्माण बार-बार किया जा रहा है, लेकिन एक भी बार सड़क को दो तीन दशक के विजन के अनुसार नहीं बनाया गया। हर बार कुछ साल बाद टेण्डर की नौबत आती है और लंबे समय तक तकलीफ के बाद निर्माण हो पाता है। इस तरह इस हिस्से में यह प्रोसेस बीते दो या डेढ़ दशक से चल रही है। इस तरह की कार्यशैली से क्षेत्र की जनता अब परेशान हो चुकी है।