जबलपुर: सेवा में बने रहेंगे होमगार्ड्स कॉल-ऑफ देने पर रोक

  • अन्य प्रकरणों के साथ संलग्न, होगी अंतिम सुनवाई
  • एक साल में दो माह के कॉल ऑफ को बदलकर 3 साल में 2 माह का कॉल ऑफ कर दिया।
  • 2011 में हाई कोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया गया था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-14 14:03 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने चार होमगार्ड सैनिकों को दो माह का कॉल ऑफ देने पर अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें सेवा में बने रहने की अनुमति दी। जस्टिस शील नागू व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने मामले को सुनवाई हेतु स्वीकार कर पूर्व में लंबित प्रकरणों के साथ संलग्न करने के निर्देश दिए।

मामले पर अगली सुनवाई 21 फरवरी को हाेगी। सीहोर के अखिलेश कुमार गुरू, नर्मदापुरम के दालचंद रैकवार, रामशंकर यादव व राधा बल्लभ मीणा ने याचिका दायर कर बताया िक उन्हें एक फरवरी 2024 से 31 मार्च 2024 तक का कॉल ऑफ दिया गया है।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विहाग दुबे ने बताया कि शासन ने संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के कॉल ऑफ को बदलकर 3 साल में 2 माह का कॉल ऑफ कर दिया। पहले एक साल में यह कॉल ऑफ दिया जाता था।

वर्ष 2010 में होमगार्ड्स कर्मचारियों द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने एवं अन्य लाभ देने की प्रार्थना की गई थी।

वर्ष 2011 में हाई कोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया गया था कि वे होमगार्ड्स की सेवा नियम बनाएँ एवं उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए।

इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नियम बनाये और आदेश के विपरीत पुनः एक वर्ष में 2 माह का बाध्य काॅल ऑफ का प्रावधान रख दिया। अवमानना के बाद सरकार ने तीन साल वाला नियम बना दिया।

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