जबलपुर: गुलौआ ताल का एसटीपी बंद, मिल रहा गंदा पानी
- बदबू मार रहा पानी, तालाब के किनारे खड़ा होना तक हो रहा मुश्किल
- कुछ दिन बाद नगर निगम के कर्मचारी गुलौआ ताल की देखरेख में लापरवाही करने लगे
- गुलौआ ताल में एसटीपी बंद होने का मामला नगर निगम सदन की बैठक में उठ चुका है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। गुलौआ ताल में गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए लगाया गया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पिछले 6 महीने से बंद है। इससे तालाब में गंदा पानी मिल रहा है।
हालत यह है कि तालाब का पानी अब बदबू मारने लगा है। इससे तालाब के किनारे पाँच मिनट भी खड़ा होना मुश्किल हो रहा है।
नगर निगम ने चार साल पहले लाखों रुपए खर्च कर गुलौआ ताल को विकसित किया था। इसके बाद यहाँ पर बड़ी संख्या में लोग मॉर्निंग और ईवनिंग वॉक के लिए आने लगे थे। कुछ दिन बाद नगर निगम के कर्मचारी गुलौआ ताल की देखरेख में लापरवाही करने लगे।
स्थिति यह हुई कि 6 महीने पहले गुलौआ ताल का एसटीपी बंद हो गया। इससे गंदा पानी सीधे तालाब में मिलने लगा। इससे तालाब का पानी बदबू मारने लगा। इसके कारण यहाँ आने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आने लगी है।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि तालाब के किनारे लोगों के बैठने के लिए बनाई गई पट्टी भी टूटने लगी है, लेकिन नगर निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
गुलौआ ताल में एसटीपी बंद होने का मामला नगर निगम सदन की बैठक में उठ चुका है। चार महीने पहले इंदिरा गांधी वार्ड की पार्षद प्रिया संजय तिवारी ने सदन में इस मामले को उठाया था।
निगम प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही एसटीपी को चालू किया जाएगा, चार महीने बीत जाने के बाद भी एसटीपी चालू नहीं हो पाया है।
जल्द हालात नहीं सुधरे तो होगा आंदोलन
गुलौआ ताल में बिगड़ते हालात को लेकर नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने निगमायुक्त को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि गुलौआ ताल का पानी बदबू मारने लगा है। यहाँ पर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा है।
निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण गुलौआ ताल की हालत बिगड़ती जा रही है। गुलौआ ताल की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
गुलौआ ताल के एसटीपी प्लांट को चालू करने के लिए वर्क ऑर्डर दिया जा चुका है। जल्द ही एसटीपी प्लांट को चालू करने का काम शुरू किया जाएगा।
-कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री जल विभाग