हेलमेट प्रकरण: अतिरिक्त जवाब पेश करने सरकार ने ली मोहलत
- परिवहन आयुक्त व एडीजीपी ट्रैफिक ने प्रस्तुत किया नोटिस का जवाब
- कोर्ट ने मोहलत देते हुए मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को नियत की है।
- आगामी 6 माह के भीतर प्रदेश के प्रत्येक वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लग जाएगी।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, हेलमेट व सीट बेल्ट की अनिवार्यता के मामले में प्रदेश के परिवहन आयुक्त और एडीजीपी ट्रैफिक ने कारण बताओ नोटिस का जवाब हाई कोर्ट में पेश किया।
चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने जवाब पर असंतोष जाहिर किया। इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह ने अतिरिक्त जवाब पेश करने एक दिन की मोहलत माँगी।
कोर्ट ने मोहलत देते हुए मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को नियत की है। हाई कोर्ट ने 17 जनवरी को सख्ती दिखाते हुए कहा था कि अधिकारियों ने जो अंडरटेकिंग दी थी, उसका पालन नहीं किया।
कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना का प्रकरण दर्ज किया जाए। मंगलवार को भी सुनवाई के दौरान ओपन टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या सरकार अक्षम अधिकारियों के भरोसे चलेगी।
कोर्ट ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ कंटेम्प्ट केस दर्ज करने की भी बात कही। कोर्ट मित्र के रूप में अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय उपस्थित रहे। दरअसल, जुलाई माह में सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने अंडरटेकिंग दी थी कि आगामी 6 माह के भीतर प्रदेश के प्रत्येक वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लग जाएगी।
इसी तरह प्रत्येक दोपहिया वाहन चालक के सिर पर हेलमेट होगा और कार चालक सीट बेल्ट पहनेगा। सरकार ने अंडरटेकिंग दी थी कि 15 जनवरी 2024 के बाद यदि एक भी वाहन चालक उक्त नियमों का उल्लंघन करता है तो परिवहन आयुक्त और एडीजीपी अवमानना की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे।
गौरतलब है कि ग्वालियर की विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य ने 2021 में ग्वालियर बेंच में जनहित याचिका दायर की थी।
मामले की गंभीरता और व्यापकता को देखते हुए चीफ जस्टिस ने यह याचिका ग्वालियर पीठ से मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित कराई। मोटर व्हीकल एक्ट और रूल्स में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।