हाई कोर्ट: सरकार बताए रिकवरी से पहले उचित जांच की या नहीं

  • जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने ग्राम रोजगार सहायक से वसूली पर रोक लगा दी।
  • आरोप है कि उसने शासकीय मद से अधिक रकम निकाली है
  • अधिनियम की धारा-92 के तहत तब तक रिकवरी नहीं निकाली जा सकती

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-10 13:26 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शासन से पूछा है कि रिकवरी निकालने के पहले पंचायत राज अधिनियम की धारा-89 के तहत उचित जाँच की या नहीं। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने ग्राम रोजगार सहायक से वसूली पर रोक लगा दी।

कोर्ट ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त जबलपुर, कलेक्टर मंडला, सीईओ जनपद पंचायत एवं पूर्व सरपंच भूरेलाल धुर्वे को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है।

मंडला निवासी आलोकधर द्विवेदी की ओर से याचिका दायर कर बताया गया कि उस पर आरोप है कि उसने शासकीय मद से अधिक रकम निकाली है, जब उनके पास सचिव का प्रभार था।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा तथा कंचन मिश्रा ने दलील दी कि मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा-92 के तहत तब तक रिकवरी नहीं निकाली जा सकती, जब तक धारा-89 के तहत विधिवत जाँच नहीं हो जाती।

याचिकाकर्ता के खिलाफ 14 नवंबर 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी कर 4 लाख 23 हजार की रिकवरी निकाल दी गई। उन्होंने नोटिस का जवाब भी दिया लेकिन दलील को नहीं माना गया। वहीं शासन की ओर से तर्क दिया गया कि रिकवरी के पहले संबंधित अधिकारी ने उचित जाँच की है और उसके बाद ही रिकवरी निकाली गई है।

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