जबलपुर: रिंग रोड के आसपास एक लाख 35 हजार थी सरकारी गाइडलाइन, अब दोगुनी होगी

  • 27 को दावे-आपत्तियों पर होगी सुनवाई
  • आसपास की कई जमीनों के रेट 1 लाख 35 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर दर्ज थे।
  • जिले में लगभग 2683 लोकेशन हैं जिसमें 1105 शहरी तथा 1578 ग्रामीण हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-24 13:41 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर के लिए चौंकाने वाली बात तो यह है कि प्रॉपर्टी की कलेक्टर गाइडलाइन में निर्माणाधीन रिंग रोड के आसपास की कई जमीनों के रेट 1 लाख 35 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर दर्ज थे।

यानी करीब ढाई एकड़ भूमि 1 लाख 35 हजार रुपए की। यह तो कोई बच्चा भी बता सकता है कि इतने में एक कमरा बनाने की जगह भी नहीं मिल सकती। कुछ इसी प्रकार की विसंगति को दूर करने शुक्रवार को कलेक्टर की अध्यक्षता में गाइडलाइन तय करने बैठक आयोजित की गई।

इसमें शहर की कुल 2683 लोकेशन में से 1729 लोकेशन के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। इनमें करमेता, बिलहरी, तिलहरी और तिलवारा के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं।

कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य गाइड लाइन्स तय करने बैठक आयोजित की गई। बैठक में पंजीयन विभाग द्वारा जो सर्वे किया गया है उस आधार पर प्रस्ताव पर विचार किया गया।

पंजीयन विभाग ने पिछले कुछ सालों में हुई रजिस्ट्रियों के आधार पर एक औसत रेट निकाला था कि कहाँ-कहाँ प्राॅपर्टी के रेट बढ़ने चाहिए। जिले में लगभग 2683 लोकेशन हैं जिसमें 1105 शहरी तथा 1578 ग्रामीण हैं, जहाँ गाइड लाइन्स तय की जाती हैं। जिसमें 1729 लोकेशन्स में रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई।

इन रेट के बारे में आम जन से 26 व 27 फरवरी को आपत्तियाँ आमंत्रित की गई हैं। कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि उन क्षेत्रों में जहाँ ज्यादा रेट बढ़ने की संभावना दिख रही है और वहाँ औसत दर निकालने में यदि कोई एक रजिस्ट्री उच्च दर पर हुई है तो उसे अलग कर सामान्य दर के आधार पर औसत निकाला जाएगा।

इसमें लोगों की आपत्तियों का यथोचित निराकरण कर इस माह के अंत तक शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

5 से 100 फीसदी तक बढ़ेंगे रेट

वरिष्ठ पंजीयक डॉ. पवन कुमार अहिरवाल का कहना है कि 5 से 100 फीसदी तक रेट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है और यह तय है िक 50 फीसदी लोकेशन पर तो रेट बढ़ना तय है।

इसके साथ ही 44 नई लोकेशन भी तलाशी गई हैं और 25 विशिष्ट ग्राम बनाए जा रहे हैं। अब 27 फरवरी को दूसरी बैठक होगी जिसमें आपत्तियों की सुनवाई कर फाइनल रिपोर्ट भोपाल भेजी जाएगी।

जेडीए ने रेट बढ़ाने खुद माँग की

बताया जाता है कि जबलपुर विकास प्राधिकरण ने पंजीयन विभाग को पत्र लिखकर अपनी कुछ काॅलोनियों की जमीनों के रेट बढ़ाने की माँग की थी। प्राधिकरण का कहना है कि उनकी काॅलोनियों का सरकारी रेट बहुत कम है।

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