जबलपुर: 28 करोड़ की लागत से बनाई फोरलेन सड़क और अब फिर से कर दी खुदाई
राँझी मार्ग के हाल : लोगों ने कहा- सड़क निर्माण करते समय क्यों नहीं डाली गई पाइप लाइन
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
नगर निगम के अधिकारी किस तरह से काम करते हैं, इसकी बानगी राँझी क्षेत्र में देखी जा सकती है। यहाँ पर पाइप लाइन डालने के लिए दो साल पहले बनाई गई 28 करोड़ रुपए की फोरलेन सड़क को खोद दिया गया। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि सड़क निर्माण करते समय भी पाइप लाइन डाली जा सकती थी, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि स्मार्ट सिटी ने दो साल पहले 28 करोड़ रुपए की लागत से घमापुर से राँझी तक फोरलेन सड़क बनाई है। सड़क के दोनों तरफ नाली और फुटपाथ भी बनाए गए हैं। सड़क और नाली का व्यवस्थित तरीके से मिलान किया गया है। पेयजल लाइन का कनेक्शन लेने के लिए नाली के बीच में जगह छोड़ी गई है। नगर निगम के अधिकारियों ने राँझी चुंगी चौकी से सीओडी मोड़ तक की सड़क को खोदने का काम शुरू कर दिया है। यहाँ पर चार इंच की पाइप लाइन डालने का काम किया जाना है। वहीं सड़क के दूसरी तरफ भी पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई की जानी है। इसको लेकर नागरिकों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है।
नगर निगम की अधूरी प्लानिंग
नगर निगम द्वारा अधूरी प्लानिंग बनाई जाती है। ज्यादातर क्षेत्र में सड़क बनाने के कुछ दिन बाद ही सड़क की खुदाई का काम शुरू कर दिया जाता है। लोगों का कहना है कि नगर निगम को सड़क निर्माण के पहले कम्प्लीट प्लानिंग तैयार करना चाहिए, ताकि सड़क निर्माण के पहले ही पाइप लाइन, केबल और नाली निर्माण का काम पूरा किया जा सके। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को भी पहल करनी होगी, ताकि व्यवस्थित तरीके से विकास के काम कराए जा सकें।
राँझी क्षेत्र में चार इंच पाइप लाइन डालने के लिए चुंगी चौकी से सीओडी तिराहे तक सड़क की खुदाई की जा रही है। पाइप लाइन डालने के बाद सड़क का रीस्टोरेशन करने का आदेश दिया गया है, ताकि सड़क खराब नहीं हो सके।
- अजय शर्मा, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम
लंबे समय के बाद बनाई गई थी व्यवस्थित सड़क
नागरिकों का कहना है कि राँझी क्षेत्र में लंबे समय बाद व्यवस्थित सड़क का निर्माण किया गया है। इससे आवागमन सुगम हो गया है। नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक बार फिर सड़क को खोदना शुरू कर दिया गया है। लोगों का कहना है कि इससे सड़क दोनों तरफ खराब होना शुरू हो जाएगी। इससे सार्वजनिक धन की बर्बादी होगी।