कठघरे में "इमरजेंसी', मणिकर्णिका प्रोडक्शन, कंगना रनौत और अन्य से जवाब तलब
सांसद कंगना रनौत, जी-स्टूडियो के अलावा यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक को इलेक्ट्रॉनिक मोड से नोटिस जारी कर जवाब माँगा
जबलपुर। हमेशा विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत की आने वाली फिल्म इमरजेंसी को मप्र हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई। सोमवार को प्रारंभिक सुनवाई के बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कंगना के प्रोडक्शन हाउस मणिकर्णिका प्रोडक्शंस, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन, सांसद कंगना रनौत, जी-स्टूडियो के अलावा यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक को इलेक्ट्रॉनिक मोड से नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। मामले पर मंगलवार को पुन: सुनवाई होगी।
जबलपुर सिख संगत और श्री गुरु सिंघ सभा इंदौर की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह, नवतेज सिंह रूपराह और सुदीप सिंह सैनी ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया िक फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर और नकारात्मक रूप में चित्रित किया गया है। दलील दी गई िक इस प्रकार की प्रस्तुति से समाज में सिख समुदाय के प्रति गलत धारणाएँ बन सकती हैं और उनकी छवि को नुकसान पहुँच सकता है। याचिकाकर्ताओं का कहना है िक इस फिल्म से सिख समुदाय के बीच तनाव उत्पन्न हो सकता है और उनके सामाजिक सम्मान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। याचिका में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की माँग की गई है।
कोरोना में पेश की मिसाल
मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सचदेवा ने सिख समुदाय की सेवाओं की सराहना की और कहा कि इस समुदाय ने एक मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा, \"मैंने दिल्ली में सिख समुदाय को कोरोना काल के दौरान समाज की सेवा करते हुए देखा है। गुरुद्वारों में ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई थी। सिख समुदाय की सेवा भावना समाज के लिए एक आदर्श है।' पी-4