जबलपुर: ठेकेदारों को मालामाल करने बिजली अफसरों ने बदले "ऑर्डर'

  • पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का मामला
  • विस में ध्यानाकर्षण सूचना, ऊपर से नीचे तक हड़कंप
  • जनता के धन का दुरुपयोग बना मुद्दा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-20 09:06 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्यप्रदेश विधान सभा में पूर्व विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाने वाली ध्यानाकर्षण सूचना से कंपनी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

सिवनी जिले की बरघाट विधान सभा क्षेत्र से विधायक कमल मर्सकोले ने सूचना में कंपनी की आरडीएसएस व सौभाग्य योजना का मुद्दा उठाया है। सूचना के अनुसार, इन दोनों योजनाओं में कंपनी के अधिकारियों ने मनमर्जी से ऑर्डर जारी कर पब्लिक के पैसों से ठेकेदारों की जेबें भरीं।

कैसे बदले गये आदेश

ध्यानाकर्षण सूचना के मुताबिक, 24 अक्टूबर 2017 को जारी आदेश में सौभाग्य योजना में घरेलू कनेक्शन के लिए आर्म्ड सर्विस केबल डिपार्टमेंट द्वारा प्रदान करने की बात कही गई थी, लेकिन 26 फरवरी 2018 को जारी

आदेश के अनुसार आर्म्ड सर्विस केबल की सप्लाई ठेकेदार को सौंप दी गयी। पहले वाले आदेश में प्रति घरेलू कनेक्शन प्रदान करने के लिए 3 हजार 5 सौ 14 रुपये, 90 पैसे तय किए थे, लेकिन दूसरे आदेश में ये राशि बढ़ाकर 4 हजार 4 सौ 61 रुपये, 38 पैसे कर दी गयी।

इस राशि का भुगतान कंपनी द्वारा ठेकेदारों को किया गया है। दस्तावेजों के अनुसार, राशि बढ़ाए जाने के कारण कंपनी द्वारा 90 करोड़ 34 लाख रुपये अतिरिक्त रूप से ठेेकेदारों को प्रदान किए गये।

बिजली अफसरों ने रिकॉर्ड में कहीं उल्लेख नहीं किया कि ये बदलाव किस आधार पर किये गये। इसी प्रकार, सौभाग्य योजना के विस्तार में भी इसी तरह के विरोधाभासी आदेशों के कारण कंपनी को 270 करोड़ 66 लाख की चपत लगी है।

वहीं काॅस्ट शेड्यूल में गड़बड़ी होने के कारण वितरण कंपनी को 361 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ। ध्यानाकर्षण सूचना के अनुसार ये सभी आदेश कंपनी की कार्य शाखा द्वारा जारी किए गये हैं।

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