जबलपुर: 400 करोड़ से बनी हाईवे सड़क पर दो साल बाद ही जगह-जगह फट गईं दरारें

  • जबलपुर से भोपाल सड़क के 55 किलोमीटर के पहले हिस्से में चलना सहज नहीं
  • सुधार के बाद कई जगह ऐसी दशा कि छोटे वाहन का चका दरारों में फँसा तो नियंत्रण मुश्किल
  • अब सड़क पर रात के वक्त चलना खतरों से भरा होता जा रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-18 13:54 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर से भोपाल हाईवे में पहले हिस्से को 55 किलोमीटर के दायरे में 400 करोड़ की लागत से निर्मित किया गया है। एमपीआरडीसी ने दो साल पहले यह सड़क बनाकर टोल वसूलने के लिए नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इण्डिया को दी है।

इस सड़क के इस पहले हिस्से की लेकिन हालत पस्त है। इसकी वजह यह है कि इसमें सीमेण्ट के पैनल क्रैक बढ़ चुके हैं। सीमेण्ट सड़क पर लंबे हिस्से में दरारें आ रही हैं। हालत यह तक है कि सड़क की दरारें अब ऐसी स्थितियों में आ चुकी हैं कि यह हाईवे नाॅर्म्स की धज्जियाँ उड़ा रही हैं।

ऐसी सड़क पर जिसमें चलने के दौरान जनता टोल टैक्स दे रही है उसी सड़क में जगह-जगह दरारें फटी हैं। सड़क की मौजूदा स्थिति को देखकर लोगों का कहना है कि इसकी मेंटेनेंस की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए ऐसी बदतर स्थिति है।

न तो पैनल क्रैक में सही सुधार हो सका है और न ही इसके किनारे के हिस्से में धूल को हटाने से लेकर मार्किंग की ओर ध्यान दिया जा रहा है। अब सड़क पर रात के वक्त चलना खतरों से भरा होता जा रहा है।

ऐसे बना है सड़क का यह हिस्सा

अंधमूक चौराहे से बेलखेड़ा के उस पार हिरण नदी से आगे नौरादेही के जंगल की सीमा तक भोपाल सड़क का 55 किलोमीटर पहला हिस्सा माना जाता है। यह मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन ने दो साल पहले तैयार किया है।

इसके आगे का हिस्सा एनएचएआई बना रहा है तो शेष आगे के तीन हिस्से एमपीआरडीसी भोपाल जोन ने बनाये हैं। और हिस्सों में समस्या नहीं, लेकिन यह हिस्सा बनने के बाद मेंटेनेंस के अभाव में लगातार डैमेज हो रहा है।

जब टोल पूरा तो क्वाॅलिटी क्यों खराब

इस मार्ग से भोपाल जाने वाले लोगों का कहना है कि जब इस सड़क पर हाईवे मापदण्डों के अनुसार पूरा टोल देना पड़ता है तो उस हिसाब से इसकी माॅनीटरिंग भी क्यों नहीं की जाती है। यदि माॅनीटरिंग होती तो सुधार कराया जाता। अभी जो सुधार कराया भी गया है तो जितना टोल वसूला जा रहा है उसकी क्वाॅलिटी के अनुसार बिल्कुल भी नहीं है।

यहाँ पर हालत ज्यादा पस्त | भोपाल की ओर जैसे ही वाहन त्रिपुर सुंदरी मंदिर के करीब पहुँचता है तो दरारें दिखना चालू हो जाती हैं। इसके बाद फिर भेड़ाघाट ब्रिज के आगे और शहपुरा की सीमा और बेलखेड़ा नौरादेही के जंगल की सीमा तक सड़क पर जगह-जगह दरारें उभर आई हैं। कई जगह तो इन्हीं क्रैक की वजह से हादसे हो जाएँ ऐसी दशा है।

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