जबलपुर: पाँच साल में भी नहीं वसूल पाए 10 करोड़ से अधिक का बकाया, इस साल फिर दबा लिए 1.77 करोड़ रुपए

लापरवाही: आर्थिक संकट में घिरा निगम, फिर भी होर्डिंग्स एजेन्सियों से नहीं हो रही वसूली

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-02 08:27 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

नगर निगम के अधिकारी पाँच साल बाद भी शहर के 55 होर्डिंग्स और यूनिपोल एजेन्सियों से 10.37 करोड़ रुपए का बकाया नहीं वसूल कर पाए। हैरान करने वाली बात यह है कि वर्ष 2023-24 में भी होर्डिंग्स और यूनिपोल एजेन्सियों ने 1.77 करोड़ रुपए दबा लिए हैं। जानकारों का कहना है कि यूनिपोल और होर्डिंग्स माफिया के दबाव में नगर निगम के अधिकारी वसूली में कोई रुचि नहीं ले रहे है। चौंकाने वाली बात यह है कि डिफाल्टर एजेन्सियाँ नाम बदलकर यूनिपोल के ठेके ले रही हैं। सब कुछ जानने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

नागरिकों का आरोप है कि इस घोटाले की जाँच कराई जानी चाहिए। वर्तमान समय में नगर निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसके कारण विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। हालत यह है कि नगर निगम को एफडी तोड़कर नियमित भुगतान करना पड़ रहा है। भुगतान नहीं होने से ठेकेदार काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बाद भी नगर िनगम के अधिकारी 55 होर्डिंग एजेन्सियों से 10.37 करोड़ की बकाया रकम वसूलने के लिए कोई रुचि नहीं दिखा रहे है। इनमें तीन एजेन्सियों पर एक करोड़ से अधिक बकाया है, एक दर्जन से अधिक एजेन्सियों से 10 से 50 लाख रुपए तक की रकम लेना है।

प्रमुख सचिव का आदेश भी रद्दी की टोकरी में फेंका

नगर निगम के अधिकारी इतने बेखौफ और बेलगाम हो गए हैं कि उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव का आदेश भी रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। जानकारों का कहना है कि चार साल पहले नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने आदेश दिया था कि होर्डिंग्स और यूनिपोल एजेन्सियों से सख्ती से वसूली की जाए। उन्होंने वसूली के लिए कुर्की करने का भी आदेश दिया था। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई।

ये हैं पुराने और नए बड़े बकायादार

सूत्रों ने बताया कि सागरदीप पर 1 करोड़ 4 हजार रुपए, एसएस एडवरटाइजिंग पर 1 करोड़ 85 लाख, आरके एडवरटाइजिंग पर 1 करोड़ 4 हजार रुपए, एसएस कम्युनिकेशन पर 23 लाख 55 हजार रुपए पुराना बकाया है। वर्ष 2023-24 में दीपक एडवरटाइजिंग पर 76 लाख, छत्तीसगढ़ डिस्ट्रीब्यूटर पर 55 लाख, वत्सल आउटडोर पर 35 लाख, एसएस कम्युनिकेशन पर 7 लाख और प्लानेट पर 4 लाख रुपए बकाया है।

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