जबलपुर: उद्योगों के माल वाहनों पर टोल लगने से बढ़ रही लागत
- उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों ने कलेक्टर से लगाई गुहार
- औद्योगिक क्षेत्र में करीब 3000-3500 लोगों को रोजगार मिल रहा है।
- कुछ यूनिट निर्माण और उत्पादन करने की प्रक्रिया में हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। चरगवाँ रोड स्थित सिवनी टोला के पास लगाए गए टोल नाका को बंद करने के लिए उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है।
उद्यमियों का कहना है कि टोल नाका शुरू होने के बाद उद्यमियों के विरोध पर नाका को बंद कर दिया गया था लेकिन टोल नाका को फिर से शुुरू कर दिया गया है।
इसके कारण क्षेत्र में स्थित उद्यमियों के माल की लागत बढ़ रही है। नया क्षेत्र होने के कारण यहाँ पर अभी कई इंडस्ट्री प्रोसेस में हैं इसलिए टोल नाका शासन की उद्योगों को बढ़ावा देने की नीति के विरुद्ध है।
संघ के अध्यक्ष मुनीन्द्र मिश्रा का कहना है कि विगत एक सप्ताह से अधिक समय से चरगवाँ रोड ग्राम सिवनी टोला में टोल टैक्स शुरू हो गया है। इस रोड पर उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र है। यहाँ पर 65-70 यूनिट उत्पादन कर रही हैं।
कुछ यूनिट निर्माण और उत्पादन करने की प्रक्रिया में हैं। औद्योगिक क्षेत्र में करीब 3000-3500 लोगों को रोजगार मिल रहा है। अभी सभी इकाइयाँ शुरुआती दौर में कार्य कर रही हैं और बाजार में अपना स्थान बना रही हैं। ऐसे में टोल वसूली शासन की नीति के विरुद्ध है।
चार-पाँच किमी दूर है टोल नाका
टोल नाका इंडस्ट्रियल क्षेत्र से करीब 4 से 5 किलोमीटर दूर है। औद्योगिक यूनिटों के माल परिवहन के लिए लोडिंग वाहन (खाली व भरे) का नाके से टोल टैक्स और माल लोड कर या खाली कर वापस आने में 2 से 3 घंटा ही लगता है तब भी गाड़ी मालिकों को जाने तथा लौटने का पूरा टोल टैक्स देना पड़ता है।
इतने कम समय में ली जा रही टोल राशि औद्योगिक क्षेत्र के लिए अव्यावहारिक है। यह राशि नाके पर नकद भी ली जा रही है। इसी तरह इंडस्ट्री से आने-जाने वाले लोडिंग वाहनों में टोल टैक्स लगने लगेगा तो वाहनों का किराया बढ़ जाएगा। इससे कच्चे व पक्के माल की लागत पर भी असर पड़ेगा।