जबलपुर: लोकसभा चुनाव में ऐसी उलझी कॉलेजों की परीक्षा, पेपर कैंसिल होने के आसार

  • विवि और महाविद्यालय स्टाफ निर्वाचन ड्यूटी में उतरा, गोपनीय और परीक्षा विभागों में सन्नाटा
  • स्टाफ की कमी इतनी ज्यादा हो गई है कि परीक्षा कराना भी मुमकिन नहीं है।
  • लोकसभा की निर्वाचन प्रक्रिया में पहले दौर का प्रशिक्षण शुरू हो गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-30 10:51 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लोकसभा चुनाव के फेर में कॉलेज और विश्वविद्यालय की परीक्षाएँ बुरी तरह उलझ गई हैं। हालत यह है कि परीक्षा कैंसिल होने के आसार बन गए हैं।

दरअसल, विश्वविद्यालय की फाइनल ईयर सहित अन्य परीक्षाएँ 6 अप्रैल से शुरू हो रही हैं, जबकि इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग का स्टाफ चुनावी प्रक्रिया में उतर गया है।

हालांकि विवि ने परीक्षा की तिथि बढ़ाने के आदेश जारी नहीं किए हैं लेकिन स्टाफ की कमी इतनी ज्यादा हो गई है कि परीक्षा कराना भी मुमकिन नहीं है।

लोकसभा की निर्वाचन प्रक्रिया में पहले दौर का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इसमें तकरीबन हर एक विभाग की ड्यूटी लगाई गई है। सीधे तौर पर देखा जाए तो उच्च शिक्षा विभाग की परीक्षाओं पर इसका ज्यादा असर दिखाई देने वाला है।

परीक्षा की तारीख अगर बढ़ती है तो विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों के लगभग 25 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएँ इससे प्रभावित होंगे।

पूरे शेड्यूल पर पड़ेगा असर

जानकारों का कहना है कि कुछ परीक्षाएँ मतदान के बाद तक स्थगित की जा सकती हैं। परीक्षा आगे बढ़ाए जाने की वजह से मूल्यांकन देरी से होगा और रिजल्ट की घोषणा जुलाई-अगस्त तक हो सकती है। इस कारण अगला सत्र गड़बड़ाएगा।

कभी ट्रेनिंग तो कभी मतदान

निर्वाचन के लिए 28 मार्च से पहले चरण का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया। इसमें भी अन्य विभागों के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई। दूसरे चरण का प्रशिक्षण अभी बाकी है।

ऐसे में उन कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण में शामिल किया गया जिन पर परीक्षा की तैयारियों की जिम्मेदारी रही। आगे प्रशिक्षण की तारीख को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। लिहाजा, महाविद्यालय और विवि प्रबंधन पशोपेश में नजर आ रहा है। इसके अलावा मतदान के दौरान भी दो दिन कर्मचारी एंगेज रहेंगे।

कई कॉलेज बनेंगे मतदान केंद्र

कई ऑटोनॉमस और विवि से संबद्ध कॉलेज हैं, जिन्हें मतदान के लिए केंद्र बनाया जाएगा। पहले से तय परीक्षा का कार्यक्रम इस वजह से भी प्रभावित होता हुआ नजर आ रहा है। जानकारों का कहना है कि 19 तारीख को वोटिंग के कुछ समय बाद केंद्र को जिला प्रशासन कॉलेज प्रबंधन को सौंपेगा। इसके बाद ही कॉलेज परीक्षा के लिए उपलब्ध हो सकेंगे।

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