जबलपुर: कलेक्टर ने की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यों की समीक्षा
- बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश
- 38 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने की तैयारी
- शुरू होगा टीबी का खात्मा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सरकार के टीबी मुक्त भारत अभियान को मूर्तरूप देने की शुरुआत गाँवों से होगी। टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। बुधवार को कलेक्टर दीपक सक्सेना की मौजूदगी में हुई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यों की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने टीबी को खत्म करने का रोडमैप प्रस्तुत किया।
जिसमें बताया गया कि जिले की 38 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने की तैयारी की जा रही है, इसके लिए राज्य सरकार को प्रपोजल भेजा जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए दो मुख्य क्राइटेरिया हैं, जिसमें पहला यह है कि गाँव की जितनी आबादी है उनमें से 3 प्रतिशत का टेस्ट किया गया हो और उसमें से कोई भी पॉजिटिव मामला न मिला हो।
दूसरा क्राइटेरिया एक गाँव में 0 अथवा 1 केस ही होना है। जिले में ऐसी 38 ग्राम पंचायत हैं जो यह क्राइटेरिया पूरा कर रही हैं।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत जयति सिंह, सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. मनीष मिश्रा, नोडल अधिकारी डॉ. आदर्श विश्नोई व जिला स्वास्थ्य अधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
सुनिश्चित करें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ | बैठक के दौरान विशेष रूप से विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान लोगों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली गई, जिसमें दस्तक अभियान, फैमिली प्लानिंग, मातृ व बाल स्वास्थ्य, पोषण पुनर्वास, संचारी व असंचारी रोग के निदान के लिये किये गये कार्यों की जानकारी ली गई।
विशेष रूप से मातृ और शिशु मृत्यु के कारणों के निदान पर जोर दिया गया और शिशुओं की विशेष देखभाल व उपचार पर ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करें जिससे मरीज परेशान न हों। टीकाकरण, एनीमिया फॉलोअप टेस्टिंग के साथ परिवार कल्याण कार्यक्रम पर भी ध्यान दिया जाये।