जबलपुर: कबाड़ से कमाल की योजना हुई फ्लाॅप, नर्मदा तटों पर चेजिंग रूम न होने से महिलाओं को हो रही परेशानी
बनाने में लाखों रुपए खर्च, अब शो पीस बनकर रह गए चेंजिंग रूम और रैन-बसेरा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
नगर निगम ने कबाड़ से कमाल योजना के तहत आधा दर्जन पुरानी मेट्राे बसों में रंग रोगन कर उनमें चेंजिंग रूम, रैन-बसेरा, बर्तन बैंक, लाइब्रेरी और महिला पुलिस चौकी आदि का निर्माण किया। इसमें लगभग 25 लाख रुपए खर्च किए। लोगों को उम्मीद जागी कि बाजारों और ज्यादा जरूरी स्थानों पर महिलाओं के लिए प्रसाधन व चेंजिंग रूम की व्यवस्था हो जाएगी, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात जैसा रहा। लाखाें रुपए खर्च होने के बाद भी ये चेंजिंग रूम लोगों के किसी काम नहीं आ रहे हैं। विशेषकर नर्मदा तटों पर इनका अभाव लोगों को खल रहा है। नागरिकों का कहना है कि नगर निगम के अफसरों के लापरवाह रवैये की वजह से ही यह अच्छी खासी योजना फ्लाॅप हो गई। अगर इन चेंजिंग रूमों और रैन बसेरा आदि को गौरीघाट या जिलहरी घाट तट पर ही रखा दिया जाता, तो महिलाओं को राहत मिलती। महिलाओं को वस्त्र बदलने व प्रसाधन के लिए यहाँ-वहाँ भटकना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि लगभग 6 माह पहले नगर निगम के अधिकारियों ने कबाड़ से कमाल योजना के तहत पुरानी मेट्रो बसों में दो चेंजिंग रूम बनाए थे। प्लान था कि चेंजिंग रूम को गौरीघाट और तिलवाराघाट में खड़ा किया जाएगा, ताकि महिलाओं को कपड़े बदलने में परेशानी न हो। जब माँ नर्मदा का जलस्तर बढ़ेगा तो उस समय चेंजिंग रूम को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा। जलस्तर में कमी आने पर चेंजिंग रूम को घाटों के किनारे खड़ा करना था, लेकिन यह योजना भी सफल नहीं हो पाई। हालत यह है कि अभी तक चेंजिंग रूम का उपयोग ही नहीं किया गया। इसी तरह रैन-बसेरा को आईएसबीटी में खड़ा करने की बात की गई थी, ताकि रात में लोग मेट्रो बस में तैयार किए गए रैन-बसेरा में आराम कर सकें। यही हाल बर्तन बैंक, लाइब्रेरी और महिला पुलिस चौकी का है।
तारीफ के बाद ध्यान देना ही बंद
नगर निगम ने कबाड़ से कमाल योजना के तहत तैयार किए गए चेंजिंग रूम, रैन-बसेरा और बर्तन बैंक को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रदर्शित किया था। मुख्यमंत्री से इस योजना की जमकर तारीफ मिली थी। मुख्यमंत्री से तारीफ मिलने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने ध्यान देना बंद कर दिया।
बर्तन बैंक की योजना भी हो गई फेल
नगर निगम की बर्तन बैंक की भी योजना फेल हो गई। इस योजना के तहत बर्तन बैंक में आम नागरिकों से बर्तन एकत्रित किए जाने थे। उन बर्तनों को जरूरतमंदों के बीच वितरित करना था, लेकिन यह काम भी निगम व्यवस्थित तरीके से नहीं कर पाया।
धूल खा रही हैं लाइब्रेरी और पुलिस चौकी वाली मेट्रो बसें
नगर निगम ने पुरानी मेट्रो बस में बनाई गई लाइब्रेरी को रानीताल स्टेडियम के बाहर खड़ा कर दिया है। हालत यह है कि इसकी देखरेख तक नहीं की जा रही है। इसके साथ ही रैन-बसेरा और महिला पुलिस चौकी वाली मेट्रो बस आईएसबीटी में खड़ी हुई धूल खा रही हैं। नगर निगम के कर्मचारी इनकी देखरेख नहीं कर रहे हैं।
कबाड़ से कमाल के तहत बनाए गए चेंजिंग रूम, रैन-बसेरा, बर्तन बैंक और लाइब्रेरी को संचालित करने के लिए इन्हें चिन्हित लोगों को सौंपा जाएगा। इसके साथ ही महिला पुलिस चौकी को पुलिस विभाग को दिया जाएगा।
सचिन विश्वकर्मा, सीईओ, जेसीटीएसएल