सितंबर से आरंभ हाेगा मार्कंडेश्वर मंदिर के जीर्णोध्दार का कार्य
- दैनिक भास्कर की खबर का सांसद नेते ने लिया संज्ञान
- पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। समूचे प्रदेश में काशी के रूप में परिचित चामोर्शी तहसील के मार्कंडेश्वर मंदिर के जीर्णोध्दार के द्वार अब खुलने लगे हैं। दैनिक भास्कर द्वारा मार्कंडेश्वर मंदिर के जीर्णोध्दार के संदर्भ में लगातार खबरें प्रकाशित कर सरकार व स्थानीय नेताओं का ध्यानाकर्षण किया था। इन खबरों का संज्ञान लेकर शुक्रवार, 11 अगस्त को क्षेत्र के सांसद अशोक नेते ने दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय पुरातत्व विभाग के आला-अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने मंदिर का लंबित जीर्णोध्दार का कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। विभाग के अनुसार विभिन्न कार्यों की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है और आगामी सितंबर माह से जमीनी स्तर पर जीर्णोध्दार का कार्य आरंभ हो सकेगा। मंदिर का जीर्णोध्दार पूर्ण होने पर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहें मार्कंडेश्वर मंदिर को नया रूप मिल सकेगा।
यहां बता दें कि, मार्कंडेश्वर मंदिर से सटी वैनगंगा नदी उत्तर वाहिनी होने से इस मंदिर को काशी के रूप में पहचाना जाता है। यह मंदिर काफी प्राचीन और ऐतिहासिक होने के कारण केंद्र सरकार ने मंदिर के जीर्णोध्दार का जिम्मा केंद्रीय पुरातत्व विभाग को सौंपा है। विभाग के अधिकारियों ने वर्ष 2015 के पूर्व मंदिर में पहुंचकर विकास कार्यों की रिपोर्ट तैयार की। कुछ दिनों तक जीर्णोध्दार का कार्य भी किया गया। लेकिन तकनीकी कारणों के चलते यह कार्य बंद कर दिया गया। इस बीच केंद्र सरकार ने मंदिर के लिए 2.5 करोड़ की निधि को प्रशासकीय मंजूरी प्रदान की। इस निधि से समूचे मंदिर का जीर्णोध्दार करने का फैसला लिया गया। वहीं राज्य सरकार ने भी 99.9 करोड़ रुपए की निधि को मान्यता दी। इस निधि से नदी मंदिर परिसर के सड़कों का नवीनीकरण, वैनगंगा नदी में पक्के पुल का निर्माणकार्य, धर्मशाला, बिजली आपूर्ति समेत श्रध्दालुओं के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रस्तावित की गयी थी। लेकिन अब तक केंद्र व राज्य सरकार की यह निधि विकास कार्याें के लिए उपलब्ध नहीं करायी गयी है। फलस्वरूप यह मंदिर आज भी विकास की बांट जोह रहा है। विकास के लिए तरस रहे इस मंदिर के जीर्णोध्दार के लिए दैनिक भास्कर ने लगातार खबरों की श्रृंखला प्रकाशित कर सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण किया।
इन खबरों का संज्ञान लेते हुए सांसद नेते अशोक नेते केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इस समय विभाग के महानिदेशक के. के. बासा, एडीजी जानविश शर्मा, डा. आलोक त्रिपाठी, संचालक सुंदर पाल, अधीक्षक अभियंता एस. के. कन्ना की उपस्थिति में बैठक का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि, मंदिर विकास के लिए मटेरियल और मैन पॉवर की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त निधि की सहायता से आगामी सितंबर माह से जमीनी स्तर पर मंदिर के जीर्णोध्दार का कार्य आरंभ करने की गवाही पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने दी है। नियमानुसार और तय अवधि में यह कार्य पूर्ण करने के निर्देश सांसद नेते ने अधिकारियों को दिए है। मंदिर के जीर्णोध्दार का कार्य पूर्ण होने से यहां पहुंचने वाले श्रध्दालुओं को सुविधा उपलब्ध होगी।