कुरखेड़ा में जंगली हाथियों और कमलापुर में ‘मंगला’की दहशत
कई दिनों से मचा रखा है उत्पात
डिजिटल डेस्क, अहेरी (गड़चिरोली)। वनों से व्याप्त गड़चिरोली जिले में पिछले कुछ दिनों से हाथियों ने उधम मचाए रखा है। जिले के उत्तरी क्षेत्र में बसे कुरखेड़ा के वनक्षेत्र में जहां जंगली हाथियों ने अपना डेरा जमाते हुए किसानों की फसलों को अपना निशाना बनाया है वहीं दक्षिणी क्षेत्र में बसे अहेरी तहसील के कमलापुर स्थित सरकारी हाथी कैम्प की मंगला नामक हथिनी अब आक्रामक हो गयी है। गत कैम्प के अन्य हाथियों के साथ विचरण कर रही मंगला ने एक शिक्षक की दोपहिया को पूरी तरह चकनाचूर कर दिया जिसके कारण कमलापुर हाथी कैम्प के हाथियों की भी अब लोगों में दहशत बनने लगी है। मंगला ने इसके पूर्व भी गत 25 जून को एक दोपहिया को क्षति पहुंचायी थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम कमलापुर में वनविभाग की ओर से सरकारी हाथी कैम्प आरंभ किया गया है। इस कैम्प में कुल 8 हाथी होकर उन्हें समीपस्थ जंगल परिसर में विचरण के लिए छोड़ा जाता है। इनमें से अजित नामक हाथी की इस कैम्प में काफी दहशत है। वर्ष 2013 में अजित ने अपने ही माहुत को पैरों तले कुचल दिया था। इतना ही नहीं अजित ने रूपा नामक हथिनी पर जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसी कारण कमलापुर कैम्प के कर्मचारी अजित को अन्य हाथियों से दूर बांधकर रखा करते हैं। अब मंगला नामक हथिनी ने रौद्र रूप धारण करते हुए दहशत मचा रखी है।
9 अगस्त की शाम 7.30 बजे राजाराम खांदला स्थित भगवंतराव आश्रमशाला के शिक्षक एस. एस. मेश्राम दामरंचा क्षेत्र के अभिभावकों से मिलकर कमलापुर पहुंच रहे थे। शाम 7.30 बजे कमलापुर कैम्प परिसर में पहुंचते ही कमला नामक हथिनी दिखायी देते ही उन्होंने अपनी दोपहिया रोक दी और दोपहिया छोड़कर वे मंगला के रास्ते से हट गए। मंगला ने दोपहिया के करीब पहुंचते हुए कुछ ही मिनटों में दोपहिया को पूरी तरह चकनाचुर कर दिया। बता दें कि, कमलापुर से दामरंचा की दूरी 23 किमी की होकर इस मार्ग से आवागमन करने वाले लोगों को हाथी कैम्प पार करना पड़ता है। रात के समय में भी इस क्षेत्र में हाथियों का मुक्त संचार रहने से अब लोगों में दहशत बढ़ने लगी है।