छिंदवाड़ा: बरारीपुरा में हरा चारा खाते ही तीन गौवंश की मौत, चार गंभीर, उपचार जारी

  • बरारीपुरा में हरा चारा खाते ही तीन गौवंश की मौत, चार गंभीर, उपचार जारी
  • चरपे परिवार की आजीविका पर संकट, मुआवजे की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-23 04:37 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। शहर के बरारीपुरा में पशु पालक की तीन गायों की मौत हो गई, जबकि चार का उपचार जारी है। हरा घास खाते ही एक के बाद एक गौवंश जमीन पर गिरकर गंभीर होने लगे थे। पशु चिकित्सकों की टीम ने पांच घंटों की मशक्कत के बाद चार गौवंश को बचा लिया। तीन गायों की मौत से पशु पालक की आजीविका पर संकट आ गया है। पीडि़त परिवार ने मुआवजे की मांग की है।

जानकारी अनुसार बरारीपुरा निवासी अरविंद चरपे का परिवार गौपालन से ही परिवार का भरण पोषण कर रहा है। गायों के लिए खेत में उन्होंने बरसीम लगाया है। रोजाना की तरह शनिवार को भी खेत से काटी गई बरसीम (पोष्टिक हरा चारा) गौवंश को खिलाई गई थी। रात ८ बजे के बाद एक के बाद एक गौवंश जमीन पर गिरने लगे। पशु चिकित्सकों की तत्परता से रात १ बजे तक गौवंश को उपचार चला। सात गौवंश में से चार को बचा लिया गया। जबकि तीन गौवंश की मौत हो गई। जिसमें एक दुधारू, एक गर्भवती और एक बछिया शामिल है। अचानक गौवंश की मौत होने से पशु पालक के साथ आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।

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जहर से मौत का संदेह, पीएम नहीं कराया

खेत में लगाई गई हरी घास में जहरीली दवा का छिडक़ाव करने की संभावना जताई जा रही है। जिसके कारण हरी घास जहरीली हो गई। इसी घास को खाने के बाद गौवंश की मौत हुई है। हालांकि पशुपालक ने शिकायत नहीं की, जिससे मृत गौवंश का पीएम भी नहीं कराया जा सका।

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मुआवजे की उठाई मांग

पीडि़त पशु पालक अरविंद चरपे का कहना है कि गौपालन से ही वह अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। एक साथ दुधारू गौवंश की मौत और गर्भवती गौवंश की मौत होने से उनकी आय का साधन छिन गया। शासन ने मुआवजे की मांग की है।

इनका कहना है

बारारीपुरा के एक किसान के सभी गौवंश अचानक बीमार हो गए थे। उपचार के बाद चार गौवंश को बचा लिया गया है। हरा चारा खाने के बाद मवेशी गंभीर हुए थे। पीडि़त किसान ने शिकायत नहीं की है।

-डॉ उमेश निरापुरे, सिविल सर्जन पशु चिकित्सालय

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