निशाना: जरांगे-पाटील ने अपना आंदोलन वापस लिया, हाके बोले- आंदोलन सिर्फ पंकजा को हराने के लिए था

  • ओबीसी और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सियासत गर्म
  • ओबीसी आरक्षण पर धोखा नहीं होने दिया जाएगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-24 15:13 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा समाज को ओबीसी के कोटे से आरक्षण मिले इसको लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे-पाटील ने बुधवार को अपना आंदोलन वापस ले लिया। जरांगे-पाटील ने कहा सलाइन लेकर आंदोलन करने का कोई मतलब नहीं है। यही कारण है कि वह अपना आंदोलन वापस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार को 13 अगस्त तक का समय देते हैं कि हमारी सभी मांगे सरकार मान ले, नहीं तो दोबारा आंदोलन शुरू किया जाएगा। जरांगे ने गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार मुझे जेल में डालने की योजना बना रही है। मैं किसी के सामने झुकने वाला नहीं हूं। मैं कल जेल जाने के लिए तैयार हूं। लेकिन अगर मैं जेल चला गया तो भाजपा को विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलेगी। उधर राज्य सरकार में उद्योग मंत्री उदय सामंत का कहना है कि जरांगे-पाटील को सबसे पहले उन विपक्षी दलों से सवाल पूछना चाहिए जो राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए थे? सामंत ने कहा कि जरांगे राजनीतिक नेताओं की कठपुतली बन चुके हैं। इसलिए मराठा समाज ने उन्हें अपना नेता मानना बंद कर दिया है।

ओबीसी आरक्षण पर धोखा नहीं होने दिया जाएगा

उधर बीड में ओबीसी समुदाय के आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे प्रोफेसर लक्ष्मण हाके ने तय कर लिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, ओबीसी आरक्षण पर धोखा नहीं होने दिया जाएगा। उधर मनोज जरांगे ने जारी भूख हड़ताल को स्थगित कर सरकार को 13 अगस्त तक समय दिया।

उसी दरमियान बीड में ओबीसी आरक्षण बचाव जनसंवाद दौरे के समय लक्ष्मण हाके ने कहा कि मनोज जरांगे की मांग अवैध है, इसलिए उन्हें अपना भूख हंडताल आंदोलन स्थगित करना पड़ा। वह वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। आरक्षण के नाम पर उनका विरोध गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ है। लक्ष्मण हाके ने आलोचना की है कि उनका आंदोलन पंकजा मुंडे को हराने के लिए था, महादेव जानकर को हराने के लिए उन्हें बहुत गलत तरीके से अपना आंदोलन वापस लेना पड़ा। जिले में ओबीसी आरक्षण बचाव जनसंवाद को लक्ष्मण हाके बड़ा समर्थन मिल रहा है।

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