अयोध्या: 2024 में राम नाम से बनेगा भाजपा का काम, भगवा पार्टी के राम धुन से बैकफुट पर विपक्ष

  • न्योते ने बढ़ाया विपक्ष का धर्मसंकट
  • 22 के बाद अयोध्या जाएंगे शिवसेना (उद्धव) के नेता

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-31 14:45 GMT

डिजिटल डेस्क, अजीत कुमार, अयोध्या। अयोध्या सहित पूरे देश की सियासी फिजा में इस समय "राम" नाम की गूंज है। भगवान राम एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनते जा रहे हैं। 2024 की चुनावी वैतरणी पार करने के लिए भाजपा फिर से राम नाम का सहारा ले रही है तो विपक्षी पार्टियां उसके इस ‘राम धुन’ से काफी असहज दिख रही हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि 2024 के आम चुनाव में भगवान राम भगवा पार्टी के कितने काम आएंगे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन कर राम नाम की खुशबू घर-घर तक पहुंचाने की तैयारी में हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा अपने चुनावी अभियान को तेज करेगी। अयोध्या सहित पूरे उत्तरप्रदेश में राम मंदिर के बड़े-बड़े होर्डिग्स लग चुके हैं। इन होर्डिंग्स पर राम मंदिर की तस्वीर के साथ भाजपा को समर्थन देने जैसी अपीलें की गई है। अयोध्या में प्रधानमंत्री के रोड शो के दौरान 'जय श्री राम’ और ‘मोदी-मोदी' के नारे गूंजते रहे। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रही है। मंदिर के सामने किराने की दुकान चलाने वाले मोहित शाक्य कहते हैं कि भगवान राम के निमित्त शहर का कायाकल्प हो गया है।

न्योते ने बढ़ाया विपक्ष का धर्मसंकट

भाजपा जहां पूरे माहौल को 'राममय' बनाने में जुटी है, तो वहीं इंडिया गठबंधन में शामिल दल प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर दुविधा मंे हैं। समारोह में शामिल होने के लिए कई विपक्षी पार्टियों को निमंत्रण मिला है। लेकिन कांग्रेस सहित कुछ पार्टियां यह न्योता स्वीकार करने को लेकर पसोपेश में हैं। दरअसल कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उन्हें हिंदू विरोधी करार दिए जाने का डर सता रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी ने अभी तय नहीं किया है कि राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में जाना है या नहीं। इस बारे में उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस भी ऊहापोह में है। इसके उलट माकपा नेता सीताराम येचुरी ने साफ कर दिया कि वे इस समारोह में नहीं जाएंगे।

22 के बाद अयोध्या जाएंगे शिवसेना (उद्धव) के नेता

शिवसेना (उद्धव) ने भाजपा पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे रामलला के दर्शन के लिए किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं है। 22 जनवरी के बाद जब चाहूंगा, अयोध्या जाऊंगा। राकांपा सुप्रीमों शरद पवार ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें इस समारोह का निमंत्रण नहीं मिला है। उधर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अगर जदयू को निमंत्रण मिलता है तो उनकी पार्टी के नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। सपा सांसद डिंपल यादव भी निमंत्रण मिलने पर अयोध्या जाने को तैयार हैं।

राम बोलते-बोलते रावण क्यों बनते जा रहे भाजपाई : सपा

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता घनश्याम तिवारी भगवान राम को चुनावी विषय बनाने को ठीक नहीं मानते। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की व्यक्तिगत आस्था होती है। लेकिन भाजपा राम का नाम फायदे के लिए करती है। उन्होंने पूछा कि भाजपा राम का नाम बोलते-बोलते रावण क्यों बनती जा रही है? मोदी-योगी के साथ ब्रजभ्ूषण शरण, स्वामी चिन्मयानंद, कुणाल पांडे जैसे लोगों का होना आखिर क्या दिखाता है?

राम को काल्पनिक बताने का मुद्दा भी गरमाएगा

सूत्रों की मानें तो भाजपा ने भगवान राम को काल्पनिक बताने के लिए कांग्रेस को घेरने की योजना भी बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी राम को काल्पनिक बताने वालों (कांग्रेस) को सत्ता में नहीं आने देने की बात पहले ही कह चुके हैं।

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