औरंगाबाद खंडपीठ: पाटोदा नगर पंचायत में गबन को लेकर वित्त विभाग मुख्य सचिव और प्रतिवादियों को नोटिस
डिजिटल डेस्क, छत्रपति संभाजीनगर। जिले की पाटोदा नगर पंचायत में करोड़ों के गबन का खुलासा हुआ, जिसके बाद वित्त विभाग के मुख्य सचिव सहित प्रतिवादियों को औरंगाबाद खंडपीठ ने नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है कि 2015-20 लेखा परीक्षण की रिपोर्ट सूचना अधिकार के तहत राकांपा (शरद पवार गुट) के तहसीलाध्यक्ष शिवभूषण जाधव ने प्राप्त की थी। इसमें गंभीर त्रुटियां पाई गई थीं। इस कारण रिपोर्ट की अंतिम अमान्य राशि 73 लाख, 81 हजार, 775 रुपए व 9 लाख, 22 हजार, 129 रुपए तथाकथित ठेकेदार, नगरसेवक व अधिकारियों से वसूल करने और करोड़ों का गबन करने वालों फौजदारी अपराध दर्ज कर नगरसेवकों को अपात्र घोषित करने की मांग जाधव ने 13 जून, 2022 को नगर विकास विभाग के सचिव से की थी। शिकायत का संज्ञान नहीं लेने पर उन्होंने खंडपीठ में फौजदारी जनहित याचिका की थी।
उक्त प्रस्ताव पर उच्च न्यायालय ने तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का आदेश सरकार को दिया था। लेकिन, नगर विकास विभाग के अवर सचिव ने 2 जुलाई, 2023 को लेखा परीक्षण के आधार पर अपराध दर्ज नहीं किए जाने का अभिप्राय देकर मांग नामंजूर की थी। सरकार का अपराध दर्ज नहीं करने का आदेश रद्द कर संबंधित के खिलाफ फौजदारी अपराध दर्ज करने की विनती करने वाली जनहित याचिका शिवभूषण जाधव ने एड. एन.एल. जाधव के दायर की। सुनवाई में प्रतिवादी अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस अधीक्षक एंटी करप्शन ब्यूरो छत्रपति संभाजीनगर, पुलिस उपअधीक्षक एसीबी बीड़, मुख्य सचिव (वित्तीय सुधार) वित्त विभाग, सचिव नगर विकास विभाग, पुलिस अधीक्षक बीड़ और पुलिस थाने को नोटिस जारी करने का आदेश खंडपीठ ने दिया। प्रकरण में सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील एड. एम.एम. नेरलीकर ने पक्ष रखा।
पाटोदा नगर पंचायत के करोड़ों के गबन प्रकरण में लेखा परीक्षण के आधार पर अपराध दर्ज करने की मांग करने वाली फौजदारी जनहित याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में दायर की गई है। प्राथमिक सुनवाई में अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त विभाग के मुख्य सचिव संग प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश न्यायमूर्ति मंगेश पाटील व न्यायमूर्ति शैलेश पी. ब्रम्हे की पीठ ने दिया है। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।