था ड्रीम प्रोजेक्ट: मुंबई- पुणे हाइपरलूप प्रोजेक्ट का सपना खत्म
- हाइपरलूप प्रोजेक्ट का सपना खत्म
- फडणवीस ने मंजूरी दी
- अजित पवार खिलाफ थे
डिजिटल डेस्क, छत्रपति संभाजीनगर, महेश रामदासी | महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और मौजूदा डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट मुंबई-पुणे हाइपरलूप मंजूरी के बाद 4 साल तक सरकारी फाइलों में फंसा रहा। अब इसे बनाने वाली अमेरिकी कंपनी हाइपरलूप वन के बंद होने की घोषणा के साथ ही इस प्रोजेक्ट का सपना भी टूट गया है। पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा (पीएमआरडीए) दोनों शहरों को उच्च गति से जोड़ने के लिए इस प्रोजेक्ट की कल्पना की गई थी। 2019 में फडणवीस सीएम पद से हटने के बाद ये प्रोजेक्ट अटक गया। महाविकास अघाड़ी सरकार में डिप्टी सीएम रहे अजीत पवार इस प्रोजेक्ट के खिलाफ थे।
मुंबई-पुणे हाइपरलूप प्रोजेक्ट में 496 किमी प्रति घंटे की गति से 117.50 किमी की दूरी 25 मिनट में तय होने की संभावना जताई थी। पहले चरण में 5 हजार करोड़ से 11.80 किमी का ट्रायल ट्रैक बनना था। इस संबंध में पीएमआरडीए के सीईओ राहुल महिवाल का कहना है कि मुंबई-पुणे हाइपरलूप प्रोजेक्ट की घोषणा तो हुई लेकिन इसके लिए कोई धनराशि नहीं मिली। इसलिए इस प्रोजेक्ट का डीपीआर या कोई अन्य कार्य शुरू नहीं हुआ।