चेतावनी: आंबेडकर ने कहा - ओबीसी समाज के 100 विधायक जीतकर नहीं आए, तो समझलेना अब खतरा है

  • आरक्षण को लेकर दो गुटों की खींचतान से महाराष्ट्र की परिस्थिति काफी खराब हो गई थी
  • ओबीसी आरक्षण यात्रा बुधवार को आमखास मैदान पर पहुंची
  • जरागें को दी सीख

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-07 16:03 GMT

डिजिटल डेस्क, छत्रपति संभाजीनगर। वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ओबीसी के 100 विधायक भी जीतकर नहीं आए, तो समझलेना कि अब समाज पर खतरा है। आंबेडकर ने कहा कि आरक्षण को लेकर दो गुटों की खींचतान से महाराष्ट्र की परिस्थिति काफी खराब हो गई थी। देहातों के लोग भी भयभीत थे। एक दूसरे की दुकानों से लोग खरीदारी भी नहीं कर रहे थे। इतना ही नहीं, लोग एक दूसरे से नफरत कर रहे थे। ओबीस आरक्षण यात्रा से राज्य का माहौल ठीक हो रहा है। अब समाज को लग रहा है कि 0हमारे साथ कोई खड़ा है। इस यात्रा के जरिए यह बड़ उपलब्धि रही। महाराष्ट्र में वर्ष 1977 की परिस्थिति और मणिपुर जैसे हालात बनने वाले थे। अब सत्ताधारियों के खिलाफ वोट से लड़ना होगा। आंबेडकर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एक भी ओबीसी उम्मीदवार जीतकर नहीं आया। विधानसभा चुनाव में इस तरह की तस्वीर दिखाई दी तो क्या करेंगे। आरक्षण की लड़ाई सड़क पर नहीं, विधानसभा में लड़ी जाएगी। ओबीसी के 100 विधायक जीतकर नहीं आए, तो समझ लेना समाज को बड़ा खतरा है।

आंबेडकर ने कहा कि मनोज जरांगे दो मांगों को लेकर डटे हुए हैं। अगर सियासी दलों ने इस पर कोई स्टैंड लिया होता, तो महाराष्ट्र दो समुदायों में बंटता नहीं दिखता। अब मनोज जरांगे 14 या 29 अगस्त को अपनी लड़ाई को लेकर अगली रणनीति स्पष्ट कर सकते हैं। मनोज जरांगे जिस तरीके से आरक्षण मांग रहे है। वैसे आरक्षण नहीं मिला।

भाजपा ने मंडल आयोग पर स्टैंड नहीं लिया, तो ओबीसी क्या भाजपा को मतदान करेगी। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में ओबीसी उम्मीदवारों को लड़ना होगा। यहां धर्म पर खतरा नहीं, बल्कि आरक्षण पर खतरा है। ओबीसी समाज को तय करना है, आरक्षण चाहिए या नहीं।

आंबेडकर ने कहा कि दिवाली से पहले विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। विधानसभा में बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा चाहिए, इसलिए विधानसभा चुनाव में वंचित बहुजन आघाडी से ओबीसी समाज के 100 उम्मीदवार और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के 45 उम्मीदवार जीतकर आने चाहिए। पूरी ताकत झोेंककर काम करना होगा। एक निर्वाचन क्षेत्र में 180 या 320 देहात शामिल होते हैं। ओबीसी समाज प्रत्येक देहात जाकर अपनी ताकत का पता लगाए। अपना वोट अपने ही उम्मीदवार को दें। एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति) के उम्मीदवारों को भी भारी बहुमत से विजयी कराएं। तभी कामयाब हो सकेंगे। वरना आरक्षण खो बैठेंगे। 

वंचित बहुजन आघाडी की ओर से निकाली जा रही ओबीसी आरक्षण यात्रा बुधवार को आमखास मैदान पर पहुंची। आम सभा को संबोधित करते हुए आघाडी नेता ने सत्ताधारियों के खिलाफ बड़ी रणनीति को बल देने पर जोर दिया। इस दौरान अंजलि आंबेडकर, युवा नेता सुजात आंबेडकर, फारुक अहमद, जिला प्रभारी अरुंधति शिरसाट, नेता अफसर खान, प्रभाकर बकले, रामभाऊ पेरकर, नीलेश विश्वकर्मा, अमीत भुईगल, अविनाश भोसीकर, किसन चव्हाण, नागोराव पांचाल सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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