सिंचन: उर्ध्व वर्धा प्रकल्प से रबी फसलों को 5 बार मिलेगा पानी
नवंबर से मार्च तक सिंचाई के लिए मिले पानी
डिजिटल डेस्क, अमरावती। उर्ध्व वर्धा प्रकल्प से रबी के मौसम के लिए जलसंग्रह आरक्षित रखा गया था। रबी के मौसम में सिंचाई के लिए पांच बार पानी छोड़ा जाएगा। उर्ध्व वर्धा प्रकल्प के लाभ क्षेत्र के किसानों को 10 नवंबर तक संबंधित शाखा कार्यालय में आवेदन करने का आह्वान किया है। यह पानी ‘टेल टू हेड’ के अनुसार नवंबर से मार्च तक पांच बार छोड़ा जाएगा। जानकारी के अनुसार उर्ध्व वर्धा प्रकल्प के बाएं मुख्य नहर के आरंभ से 95.50 किमी तक और दाहिनी मुख्य नहर के 42.40 किमी तक के लाभ क्षेत्र के सभी किसानों को इसका लाभ पहुंचाया जाएगा। वितरण व्यवस्था द्वारा जहां आसानी से पानी जा सकता है। वहां तक नहर संचालन कार्यक्रम के अनुसार ‘टेल टू हेड’ के अनुसार पानी छोड़ा जाएगा। नहर के प्रवाहित अथवा नदी, नाले पर मंजूर उपसा सिंचाई योजना द्वारा सिंचाई के लिए पानी देना हो तो आवेदन नमूना क्रमांक 7 संबंधित शाखा कार्यालय में नि:शुल्क उपलब्ध है। वह भरकर 10 नवंबर तक उसी कार्यालय में जमा करना होगा।
नियमों का पालन करना होगा
इच्छुक लाभधारकों को उनके पास की बकाया एक तिहाई अथवा वर्तमान मौसम की अग्रिम रकम भरनी होगी। उपसा सिंचाई लाभ धारकों को नल मार्फत पानी नापजोख यंत्र लगाने होंगे। फसलों की मांग क्षेत्र 20 आर रहना चाहिए। पानी आवेदन मंजूर कर उपसा सिंचाई के लिए पानी का इस्तेमाल करना होगा। लाभ क्षेत्र की नहर से 35 मीटर तक के कुएं के पानी से सिंचाई हो रही हो तो नकद फसलों के लिए (गन्ना, कपास, केले व फल बगीचे) सिंचाई अधिनियम के अनुसार प्रवाहित सिंचन की मूल दर की 50 प्रतिशत रकम वसूली जाएगी।