विकास: श्रम ही प्रतिष्ठा बतानेवाला स्तंभ आगामी पीढ़ी के लिए साबित होगा मार्गदर्शक
अकोला-अमरावती महामार्ग निर्माण के गिनीज रिकार्ड स्तंभ का केंद्रीय मंत्री गडकरी ने किया अनावरण
डिजिटल डेस्क, अमरावती। राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 53 पर अमरावती से अकोला के बीच 75 किमी से ज्यादा दूरी के महामार्ग का बिटुमिनस कांक्रीटीकरण का काम रिकार्ड तोड़ समय में पूर्ण हुआ। देश के इतिहास में मूलभूत सुविधा निर्मिति क्षेत्र में इसकी गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया। श्रम ही प्रतिष्ठा बतानेवाला भव्य स्तंभ नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक साबित होगा। ऐसा विश्वास केंद्रीय सड़क परिवहन व महामार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने व्यक्त किया। वह बडनेरा वाई प्वाइंट पर राजपथ द्वारा बनाए गए गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड स्तंभ स्मारक के अनावरण अवसर पर बोल रहे थे।
इस समय उनके साथ पत्नी कांचन गडकरी, राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे, सांसद नवनीत राणा, विधायक प्रवीण पोटे पाटील, विधायक प्रताप अडसड़, विधायक सुलभा खोडके, विधायक वसंत खंडेलवाल, जिलाधीश सौरभ कटियार, निगमायुक्त देवीदास पवार तथा राजपथ के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संस्थापक जगदीश कदम, मोहना कदम आदि उपस्थित थे। महामार्ग निर्मिती व गिनीज विश्व रिकार्ड पर आधारित कॉफीटेबल बुक का विमोचन भी किया गया।
105 घंटे में बनाई 75 किमी की सड़क
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि ध्येयपूर्ति के लिए अविरत श्रम करनेवाले सभी के लिए यह स्मारक प्रेरणादायी साबित होगा। भारत के स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देशभर में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 53 पर एक मार्ग में 105 घंटे और 33 मिनट में 75 किमी का बिटुमिनस मार्ग पूर्ण करते हुए नया रिकार्ड स्थापित किया जिससे उसे गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। यह बात हम सभी के लिए अभिमानास्पद है। बिटुमिनस कांक्रीट मार्ग की कुल लंबाई 75 किमी है और दूसरे पक्के रास्ते के 37.5 किमी का मार्ग समान है।
यह काम 3 जून 2022 को सुबह 7.27 बजे शुरू हुआ। और 7 जून 2022 को शाम के समय पूर्ण हुआ। इस मार्ग के लिए 2 हजार 70 मैट्रिक टन बिटुमिनस 36 हजार 634 मीट्रिक टन बिटुमिनस मिश्रण का इस्तेमाल किया गया। यह काम पूर्ण करने के लिए स्वतंत्र सलाहगारों की टीम के साथ ही 728 कामगारों ने दिन-रात काम कर यह प्रकल्प राजपथ इंफ्राकॉन ने पूरा किया। देश में सड़क निर्माण की मूलभूत सुविधा क्षेत्र में गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड पर इस प्रकल्प को दर्ज किया गया है। जिसकी याद दिलवाने के लिए स्तंभ निर्माण किया गया। यह कार्य पूरा करने 728 कामगारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए उनके नाम स्तंभ पर अंकित किए हैं। श्रम प्रतिष्ठा का महत्व स्पष्ट करनेवाला स्तंभ सभी के लिए प्रेरणादायी रहेगा।