खौफ: बाहरी जिले के कैदियों की गुंडागर्दी से स्थानीय कैदी दहशत में
गैंगवार से जेल प्रशासन की उड़ी नींद
डिजिटल डेस्क, अमरावती। मध्यवर्ती कारागृह अब खुद कुस्ती के अखाड़े में तब्दील होता नजर आ रहा है। जहां जेल के बाहर होनेवाले संगीन वारदातों के साथ-साथ जेल के भीतर भी जानलेवा हमले, गैंगवार जैसी घटनाएं घटित होने से इसके विपरीत परिणाम भविष्य में देखे जा सकते हैं। एक सप्ताह में अन्य जिले और स्थानीय कैदियों के बीच हुए विवाद को लेकर अन्य कैदियों में भय का माहौल बना हुआ है। इसी तरह कैदियों के परिजनों को भी अब डर सताने लगा है। अगर इसी तरह विवाद जारी रहे तो भविष्य में अमरावती और पुणे के कुख्यातों के बीच जेल के अलावा बाहरी दुनिया में भी बड़े गैंगवार देखे जा सकते हैं।
जेल प्रशासन का खौफ न रहा : पिछले दो सालों मेंं जिला मध्यवर्ती कारागृह में जेल ब्रेक से लेकर विविध घटनाओं को लेकर हमेशा विवादों में रहा है। लेकिन कैदियों के बीच हुए गैंगवार को लेकर शहर व जिले में विविध तरह की चर्चाएं व्याप्त है। अमरावती मध्यवर्ती कारागृह की कमान कीर्ति चिंतामणि के संभालते ही कामकाज में भी काफी बदलाव देखा गया। लेकिन कैदियों के बढ़ते हौसले और जेल प्रशासन के प्रति खौफ खत्म होने से इस तरह की घटना ने तुल पकड़ रखने की जानकारी मिली है। जिससे ऐसे मामलों पर तुरंत शिकंजा कसा जाना चाहिए।
5 अधिकारी और कर्मचारी गंभीर घायल : बुधवार की सुबह घटित हुए घटना में बीचबचाव करने गए जेल अधिकारी उमेश गुंडरे, संजय गुल्हाने के अलावा कर्मचारियों में गोपाल कचरे, राम मुदगले और मंगेश प्रजापति गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जबकि अमरावती-पुणे के कैदियों को भी चोटें आई है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी मतीन हकीम सैयद, आसिफ अलबक्ष शेख, महेश पुंडलिक मोरे, प्रकाश आखाडे, अजय गाडगे, चांद फकीरुद्दीन शेख, रोहित गायकवाड, सूरज ठाकुर, अजय वानखडे और अमन देवलकर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।