उपक्रम: 1581 ग्रामीण कारीगरों का हुआ रजिस्ट्रेशन

  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल्य सम्मान योजना
  • लाभार्थियों सेे पंजीयन बढ़ाने का जिलाधीश ने किया आह्वान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-27 11:36 GMT

डिजिटल डेस्क, अमरावती। साहित्य व साधनों का उपयोग कर, हाथों से काम करने वाले पारंपरिक कारीगर व हस्तकला की वस्तुएं बनाने वालोंं को सर्वांगीण आधार देकर उनका विकास करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना मंजूर की है। इस योजना की जिले के ज्यादा से ज्यादा पारंपरिक कारागिरों को लाभ पहुंचाने तथा लाभार्थी कारीगरों तक योजना की जानकारी पहुंचाएं। उसे बढ़ाने की दृष्टि से ग्राम पंचायतस्तर पर योजना को लेकर जनजागरण करें। यह निर्देश जिलाधीश सौरभ कटियार ने दिए।

वह प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के जिला अमल समिति की सभा में बोल रहे थे। गुरुवार को योजना में 1 हजार 581 ग्रामीण कारीगरों का पंजीयन हुआ है। जिप के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अविश्यांत पंडा, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय के पी.टी. डोईफोडे, जिला अग्रणीय बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक पंकजकुमार, जिला उद्योग केंद्र की व्यवस्थापक गिरीश सांगले, जिला कौशल विकास, रोजगार व उद्योजकता मार्गदर्शन केंद्र के सहायक आयुक्त प्रांजली बारस्कर, महाराष्ट्र राज्य खादी व ग्रामोद्योग मंडल के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी प्रदीप चेचरे, सीएससी व्यवस्थापक प्रशांत तायडे आदि उपस्थित थे।

योजना के लिए पात्र कारीगर : सुतार, बोट निर्माता, लोहार, बॅमर व टूल किट मेलर, ताले बनानेवाले, मूूर्तिकार, स्टोन ब्रेकर, सुनार, कुंभार, मोची, शूस्मिथ, चप्पल कारागीर, राजमिस्त्री, बास्केट, मैट, झाडू निर्मिती, खिलौने निर्मिती, नाई, माला निर्मिती, मछलियों का जाल गुननेवाले कारागीर, टेलर आदि याेजना के लिए पात्र रहेंगे।

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