मांग: सरकार ने अपर वर्धा के प्रकल्प ग्रस्तों से मांगा 15 दिन का समय, मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे प्रकल्पग्रस्त

  • 25 जनवरी तक का मांगा समय
  • मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
  • मांगों को लेकर गुहार लगा रहे प्रकल्पग्रस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-10 11:01 GMT

डिजिटल डेस्क, अमरावती । अपनी विविध मांगों के लिए पिछले 234 दिन से मोर्शी तहसील कार्यालय के सामने अनशन करनेवाले अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्तों ने  फिर मंत्रालय को घेरने की योजना बनाई थी। आंदोलनकर्ताओं ने इससे पहले भी मंत्रालय के दूसरे माले से सुरक्षा जाली पर कूदकर आंदोलन किया था। इस कारण आंदोलनकारियों की हर गतिविधि पर पुलिस की नजर थीं। पुलिस ने तत्काल उन्हें जिलाधीश कार्यालय में लाया। मंगलवार 9 जनवरी को सुबह जिला ग्रामीण अपर पुलिस अधीक्षक विक्रम साली, जिलाधीश सौरभ कटियार आदि की उपस्थिति में हुई बैठक में राज्य के अपर सचिव से भी संपर्क किया गया। तब उन्होंने जल्द ही बैठक बुलाकर प्रकल्पग्रस्तों की मांगों पर विचार करने की बात कही। लेकिन इसके लिए 15 दिन का समय मांगा। इसके बाद आंदोलनकारियों ने सरकार को फिर 25 जनवरी तक निर्णय लेने का समय दिया है। अन्यथा 26 जनवरी को बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

अपर वर्धा के प्रकल्पग्रस्तों का आत्मक्लेश अनशन 234 दिनों से शुरू है। अलग-अलग आंदोलन करने पर भी शासन व प्रशासन ने उनकी मांगों की दखल नहीं ली। इस कारण अपर वर्धा जलाशयग्रस्त पुनर्वसन कृति समिति के आंदोलनकारियों ने पहले जान जोखिम में डालकर मुंबई मंत्रालय में सुरक्षा जाली पर कूदकर आंदोलन किया था। उस समय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 15 दिन में अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्तों की समस्या दूर करने का आश्वासन दिया था। कई माह बाद भी समस्या हल नहीं होने से राज्य के पुनर्वसन मंत्री अनिल पाटील की अध्यक्षता में दो बैठकें हुईं। अमरावती, वर्धा व नागपुर जिलाधिकारी ने समुचित रिपोर्ट पेश की, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हुअा। सोमवार 8 जनवरी को प्रकल्पग्रस्त मोर्शी से मुंबई के लिए रवाना होने वाले थे, लेकिन मोर्शी पुलिस ने उन्हें िडटेन कर अमरावती जिलाधिकारी के समक्ष पेश किया।

450 आंदोलनकािरयों ने गाडगे नगर में बिताई रात : सोमवार शाम 6 बजे के करीब आंदोलनकारी जिलाधीश कार्यालय में पहुंचे। उस समय उनके मुद्दे पर सोमवार को मंत्रालय स्तर पर बहस नहीं हो पाई। जिससे आंदोलनकारियों के रुकने की व्यवस्था पुलिस ने गाडगेनगर स्थित गुरुदेव आश्रम में की थी। मंगलवार को सुबह फिर आंदोलनकारी जिलाधीश कार्यालय पहुंचे। यहां जिलाधिकारी के साथ हुई बैठक में सरकार को 25 जनवरी तक का समय देकर लगभग 450 आंदोलनकारी अपने गांव लौट गए।


Tags:    

Similar News