खतरा: 23 अति जर्जर भवन के मालिक ही गिराएं अपनीं इमारतें
- किसी भी इमारत को गिराने की कार्रवाई नहीं की
- 30 वर्ष पुरानी इमारतों को स्ट्रक्चरल ऑडिट करने के निर्देश
डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती मनपा क्षेत्र में विशेष कर मनपा के राजापेठ नं. 2 अंतर्गत 23 जर्जर मकान हैं। पिछले एक वर्ष से मनपा ने किसी भी जर्जर इमारत को गिराने की कार्रवाई नहीं की। पिछले रविवार को हमालपुरा मार्ग पर चांडक टॉवर का कॉलम क्रैक हो जाने की घटना के बाद मनपा के सक्रियता पर प्रश्नचिन्ह उठ रहे थे। इसीबीच राजापेठ जोन के उपअभियंता व पद निर्देशित अधिकारी प्रमोद इंगोले ने बुधवार को सी-1 श्रेणी में (अति जर्जर) आनेवाले 23 इमारतों के मालिकों को अपनी-अपनी जर्जर इमारतें स्वयं गिराने के निर्देश दिए। इसके अलावा 30 वर्ष पुरानी सभी इमारतों के मालिकों को अपनी-अपनी इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर उसकी रिपोर्ट मनपा को पेश करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष प्रभात टॉकीज के पास राजेंद्र लॉज की जर्जर इमारत ढहने से पांच लोगों की मौत हुई थी। घटना की जांच में मनपा के राजापेठ जोन के तत्कालीन उपअभियंता और शाखा अभियंता पर अपराध दर्ज हुआ था । तत्कालीन निगमायुक्त प्रवीण आष्टीकर ने राजापेठ जोन के उप अभियंता प्रमोद इंगोले को पद निर्देशित अधिकारी नियुक्त कर जर्जर इमारतों को गिराने की दिशा में उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इस बात को लगभग 1 वर्ष का समय बीतने के बाद भी मनपा ने 23 जर्जर इमारतों को गिराने की दिशा में कोई पहल नहीं की। वहीं बुधवार को राजापेठ जोन के उप अभियंता प्रमोद इंगोले ने नोटिस जारी कर स्ट्रक्चरल ऑडिट करने तथा सी-1 श्रेणी की इमारतों के मालिकों को अपनी-अपनी जर्जर इमारतें गिराने के निर्देश दिए।