रोष: अमरावती मनपा में उपायुक्त के विभागों को लेकर मचा हुआ है घमासान
- सरकार की ओर से भेजे उपायुक्त नाराज
- विभागों का विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया
- कामकाज पर पड़ रहा असर
डिजिटल डेस्क, अमरावती । अमरावती मनपा में 12 वर्ष बाद सचिन कलंत्रे के रूप में आईएएस श्रेणी के अधिकारी निगमायुक्त पद पर कार्यरत होने के बाद मनपा अंतर्गत कामकाज पारदर्शी होने की उम्मीदें शहरवासियों को थीं। सचिन कलंत्रे को पदभार संभाले 12 दिन हो गए, मनपा में उपायुक्त को सौंपे गए विभागों का विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया है। बल्कि राज्य सरकार की ओर से यवतमाल की नगराध्यक्ष माधुरी मडावी को अमरावती मनपा में उपायुक्त के रूप में तबादले पर भेजे जाने से यह विवाद और भी गरमाया है। इसीबीच न्यायालय के आदेश पर मनपा में फिर से उपायुक्त पद पर भेजे गए जुम्मा प्यारेवाले को मनपा ने ड्यूटी पर ज्वाइन तो करवा लिया। लेकिन उन्हें अभी तक विभाग कौन से संभालने होंगे यह स्पष्ट नहीं किया है। इस कारण मनपा में उपायुक्त के विभागों को लेकर अभी भी घमासान कायम है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व निगमायुक्त देवीदास पवार के कार्यकाल में मनपा के अधिकारी नरेंद्र वानखडे और योगेश पीठे को पदोन्नति देकर उन्हें उपायुक्त बनाया गया था। पीठे के पास उपायुक्त प्रशासन और वानखडे के पास सामान्य प्रशासन का कार्यभार सौंपा गया है। पूर्व आयुक्त देवीदास पवार ने वानखडे को पदोन्नति पर नियुक्ति देेते समय मनपा में नगर विकास विभाग की ओर से भेजे गए उपायुक्त जुम्मा प्यारेवाले को पदमुक्त कर उनके स्थान पर वानखडे की नियुक्ति की गई थी। अब प्यारेवाले न्यायालय के आदेश पर भी फिर ज्वाईंन हुए। प्यारेवाले का कहना है कि उन्हें पदमुक्त करते समय जो विभाग उनके पास था वहीं सामान्य प्रशासन विभाग उनको सौंपना पड़ेगा।
पीठे को उपायुक्त पद से हटाया जा सकता है : वर्तमान में विधानसभा चुनाव का मतदाता पंजीयन कार्यक्रम घोषित हो चुका है और उपायुक्त प्रशासन पद चुनाव के लिए अंकित किया गया पद है। इस पद पर मनपा क्षेत्र में तीन वर्ष काम करनेवाला अधिकारी नहीं रह सकता। यही वजह है कि लोकसभा से पहले उपायुक्त नीलिमा वासनकर का मनपा से तबादला किया गया था। उपायुक्त प्रशासन पद राज्य सरकार की ओर से भेजे गए या तो मडावी को सौंपना चाहिए। या फिर जुम्मा प्यारेवाले को यह पद देना चाहिए। क्योंकि यह दोनों राज्य सरकार की ओर से भेजे गए अधिकारी हैं। जिले में विधानसभा का मतदाता पंजीयन कार्यक्रम शुरू होने के बाद भी आयुक्त द्वारा उपायुक्त पीठे को इस पद से नहीं हटाया गया है। आनेवाले तीन दिनों में पीठे को हटाकर उपायुक्त प्रशासन का कार्यभार मडावी या प्यारेवाले को सौंपा जा सकता है।