सुप्रीम कोर्ट: सांसद राणा के फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित रखा

  • सांसद राणा के फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामला
  • सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-28 15:45 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन साल से भी ज्यादा समय से लंबित चल रहे अमरावती से सांसद नवनीत कौर राणा के लंबित फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में आखिरकार बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की बेंच के समक्ष आज दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें पूरी की जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

सांसद राणा के फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में सुनवाई पूरी

मामले से जुड़े एक वकील ने कहा कि कोर्ट अगले एक सप्ताह में अपना अंतिम फैसला सुनाएगा। गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 जून 2021 को नवनीत कौर के जाति प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया था। सांसद राणा ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस फैसले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 27 जुलाई 2021 को रोक लगा दी थी। तब से यह मामला लंबित चल रहा था।

दरअसल, 8 जून 2021 को शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनका कास्ट सर्टिफिकेट रद्द कर दिया था। राणा अमरावती लोकसभा सीट SC के लिए आरक्षित थी। आनंदराव का आरोप था कि नवनीत राणा ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर यहां से लोकसभा का चुनाव जीता था। इसी के चलते सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राणा का जाति प्रमाण पत्र गलत पाया था। उन्हें दो लाख रुपए का जुर्माना भरने और छह हफ्ते के भीतर सभी सर्टिफिकेट जमा करने का आदेश दिया गया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 22 जून 2021 को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

2014 में भी रद्द हुआ था कास्ट सर्टिफिकेट

साउथ की फेमस एक्ट्रेस रहीं नवनीत कौर राणा अमरावती के बडनेरा विधानसभा से विधायक रवि राणा की पत्नी हैं। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पेश किए उनके जाति प्रमाणपत्र को भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज किया था। उस दौरान यह साबित हुआ था कि नवनीत कौर ने पिता के 3 फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट बनवाकर नवनीत कौर हरभजनसिंह कुंडलेस नाम से जाति प्रमाण पत्र लिया था। हालांकि वे 2014 का चुनाव हार गईं थीं। 


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