आरोप: कानून ताक पर रखकर मनमाना काम कर रहे : देशमुख

नियम तोड़ करोड़ों की खरीदी, जिला बैंक की कार्य प्रणाली पर उठाए सवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-11 09:31 GMT

डिजिटल डेस्क, अमरावती। दि अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है तब से कानून को ताक पर रखकर सत्तापक्ष मनमर्जी से काम कर रहा है। नियम के बाहर करोड़ों रुपए की खरीदी की जा रही है। संचालकों को बैठक की प्रोसेडिंग नहीं दी जा रही है। हमारी आपत्तियों को उसमें नहीं जोड़ा जा रहा है। बैठक का कोरम पूरा करने 50 फीसदी संचालक होना चाहिए, लेकिन 7 संचालकों से ही कोरम पूरा कर लिया जाता है। ऐसे कई गंभीर आरोप बैंक के संचालक बबलू देशमुख ने लगाए। वह मालटेकड़ी स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार परिषद में शुक्रवार को बोल रहे थे। इसके पहले बैंक की बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच विवाद हुआ। पत्रकार परिषद में विधायक बलवंत वानखेडे, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, हरिभाऊ मोहोड, सुधाकर भारसाकले आदि उपस्थित थे।

जो नहीं हुआ वह भी प्रोसेडिंग में लिख दिया : देशमुख ने आरोप लगाया कि आमसभा के विषय में संचालक मंडल की बैठक में चर्चा कर अनुमति लेकर विषय रखने चाहिए, किन्तु ऐसा नहीं किया जा रहा है और समिति बनाकर विषय तय किए जा रहे हैं। आमसभा की गलत प्रोसेडिंग लिखी, वार्षिक रिपोर्ट में उपविधि में सुधार के लिए टिप्पणी न जोड़कर दूसरी रिपोर्ट छापकर उसमें टिप्पणी जोड़ी। छोटे सुधार के नाम पर उसमें गलत तरीके से जोड़ा जो सभा में नहीं हुआ उसे लिखकर आमसभा में उपस्थित सदस्यों की दिशाभूल की।

टेंडर की कीमत नहीं डाली : देशमुख ने कहा कि संचालक मंडल की बिना मान्यता के 50 से 60 करोड़ रुपए के काम के टेंडर किए और कुछ का काम शुरु कर दिया। करोड़ों के काम का विज्ञापन एक स्थानीय पेपर में दिया। इतना ही नहीं निविदा में टेंडर की कीमत भी नहीं डाली। समिति का समय खत्म होने के बाद भी अध्यक्ष ने पद का दुरुपयोग कर समिति बनाईं। बैंक की अवैध समिति बनाकर 1105 सदस्य जोड़े जिसमें रिश्तेदारों को सदस्य बना दिया। जबकि किसानों को डीडी बनाने पर भी सदस्य नहीं बनाया। कार्यकारी समिति भी गलत बनाई। 13 संचालकों के हस्ताक्षर से बनाई गई समिति अस्तित्व में आना चाहिए। 10 नवंबर की संचालक मंडल के पत्रिका में 12 विषय और कार्यकारी समिति की बैठक में 20 विषय झूठे लिखे।

उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे चला रहे बैंक : बबलू देशमुख ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष बच्चू कडू होने के बाद भी बहुत से काम सिर्फ उपाध्यक्ष अभिजीत ढोपे के हस्ताक्षर से चला रहे हैं। आर्थिक विषयों को मंजूरी देने के लिए भी उपाध्यक्ष के हस्ताक्षर चल रहे हैं। अध्यक्ष की अनुपस्थित में उपाध्यक्ष काम नहीं कर सकते हैं। बैंक की प्रोसेडिंग और आवक-जावक जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बैंक के उपाध्यक्ष अपने घर पर रखते हैं जो गंभीर बात है। संचालक मंडल ने ऐसे कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता जो अपात्र हैं इसलिए हम उसकी वसूली की मांग करते हैं। कम्प्यूटर हार्डवेयर नाम पर खरीदी करने के लिए सभागृह की पूरी मान्यता न लेकर कीमत को दोगुना बढ़ा दिया। उसी के साथ स्मार्ट कैमरा खरीदी कर करोड़ों रुपए का भार लाद दिया।

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