जल कर बकाया: मनपा पर मजीप्रा का 153 करोड़ का बिल बकाया

मनपा और इर्विन ने अभय योजना का भी नहीं उठाया लाभ

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-13 07:53 GMT

डिजिटल डेस्क, अमरावती । अमरावती शहर और बडनेरा को महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की अेार से पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। मनपा क्षेत्र में घरेलू नल कनेक्शन धारकों के साथ ही मनपा के भी कुछ नल वर्तमान स्थिति में कायम है। जिसका पानी बिल मनपा को भरना पड़ता है। मनपा ने पिछले डेढ़ वर्षो से पानी बिल नहीं भरने के कारण पानी के बिल की मूल रकम और उस पर ब्याज समेत 153 करोड़ का पानी बिल मनपा पर बकाया है। वर्तमान स्थिति में आर्थिक संकट से जूझ रही मनपा इस पानी बिल की व्यवस्था के लिए क्या उपाय करेगी इस ओर देखा जा रहा है।

महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता संजय लेव्हरकर ने बताया कि मनपा पर 79 करोड़ के पानी बिल की मूल राशि बाकी थी। जो पिछले डेढ़ साल से मनपा द्वारा जमा नहीं किए जाने से मूल राशि और उस पर लगनेवाला ब्याज मिलकर यह राशि 153 करोड़ पर पहुंची है। मनपा के साथ-साथ जिला सरकारी अस्पताल और अस्पताल के कर्मचारियों के निवास के नल कनेक्शन का पानी बिल 2 करोड़ पर पहुंचा है। इसके अलावा अमरावती मनपा क्षेत्र में लगभग 1 लाख नल कनेक्शन धारकों की संख्या है। जिन पर 313 करोड़ का पानी बिल बकाया है।

मनपा ने अभय योजना का नहीं लिया लाभ : बकाया बिल की वसूली के लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने अभय योजना अमल में लाई थी। इस अभय योजना में अगर कोई पानी कनेक्शन धारक बकाया बिल की मुल राशि अदा करता है तो उस पर लगा हुआ ब्याज माफ किया जाता है। मनपा पर 79 करोड़ का पानी बिल बकाया था। अगर मनपा अभय योजना का लाभ लेती तो मनपा के 74 करोड़ रुपए माफ होते। लेकिन मनपा ने अभय योजना का भी लाभ नहीं लिया।

नल कनेक्शन धारकों के खिलाफ छेड़ सकते हंै मुहिम : अमरावती मनपा क्षेत्र के अमरावती शहर व बडनेरा में 1 लाख नल कनेक्शन धारकों की संख्या है। जिन पर 313 करोड़ रुपए का पानी बिल बकाया है। दिपावली का त्यौहार होते ही महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण इन निजी नल कनेक्शन धारकों के खिलाफ नल कनेक्शन काटने की मुहिम छेड़ने की संभावना मजीप्रा ने व्यक्त की है।जिला सरकारी अस्पताल (इर्विन) को पानी बिल का भुगतान करने पिछले वर्ष सरकार की ग्रेंड नहीं मिली। जिससे इर्विन का बकाया पानी बिल 2 करोड़ पर पहुंचा। मनपा पर 79 करोड की मुद्दल और उस पर ब्याज मिलाकर 153 करोड़ का पानी बिल बकाया है। इन दोनों ने अभय योजना का लाभ लिया होता तो उनका ब्याज माफ किया जा सकता था। -संजय लेव्हरकर, कार्यकारी अभियंता, मजीप्रा   

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