जब्ती वारंट देखते ही औद्योगिक विकास महामंडल के अधिकारी हुए कार्यालय से गायब

एमआईडीसी विभाग ने मांगी और 7 दिन की मोहलत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-26 11:12 GMT

डिजिटल डेस्क, अमरावती। 1993 से संपादित की गई जमीन का वर्ष 2023 में भी मुआवजा नहंी मिलने से यवतमाल के संतप्त किसान अमरावती एमआईडीसी की जब्ती का वारंट लेकर पहुंचे। 3 घंटे के समझौते के बाद एमआईडीसी विभाग ने फिर 7 दिन की मोहलत मांगी। जिससे एमआईडीसी पर आई हुई जब्ती आखिर कार शुक्रवार को टल गई।

औद्योगिक विकास महामंडल की ओर से 1993 से यवतमाल जिले के कुछ किसानों की जमीनें संपादित की थी। किसानों की जमीन लेने के बाद किसानों को काफी कम रकम दी गई। जिससे यवतमाल जिले के किसानों ने अतिरिक्त रकम के लिए दावा ठोका था। किसानों को न्यायालय की ओर से रकम मंजुर की गई। किंतु वह रकम एमआईडीसी की ओर से जमानत किए जाने से न्यायालय ने एमआईडीसी के खिलाफ जब्ती वारंट निकाला था। मोहईजरा स्थित रामनगर निवासी बाबूसिंग सेवा पवार ने बताया कि उनकी जमीन का मुआवजा उन्हें न मिलने से उन्होंने कई बार एमआईडीसी के चक्कर काटे। किंतु 25 वर्ष बीतने पर भी उन्हें पैसे नहीं मिले। जिससे अमरावती एमआईडीसी की जब्ती का वारंट लेकर वे आए। किंतु जब्ती वारंट देखते ही अधिकारी कार्यालय से गायब हो गए। पुसद तहसील के भोंबी गांव के किसान महेंद्र वडते की खेत जमीन 1993 में एमआईडीसी ने ली थी। 2006 में काफी रकम दी गई। जिससे उन्होंने अतिरिक्त रकम की मांग की थी। अब तक खेती के पैसों के लिए तीन बार जब्ती वारंट निकाला गया।

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