नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश, जानिए इसके फायदे
Education policy 2020 नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश, जानिए इसके फायदे
डिजिटल डेस्क,दिल्ली। मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने नई शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया है। इस बात की जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने दी। एमपी में उच्च शिक्षा विभाग ने अभी स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष के लिए नीति के प्रावधानों को लागू किया। बता दें कि, इसके जरिए अब सांसद और विधायक भी भोज विश्वविद्यालय में कॉलेज की पढ़ाई कर सकेंगे।
177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट कोर्स की होगी शुरुआत
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार, हायर एजुकेशन को जॉब ओरिएंटेड बनाने के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं व्यावसायिक कोर्सेस की शुरुआत की जा रही है। इसलिए साल 2021 में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट कोर्स शुरु किए जाएंगे। 79 विषय के फर्स्ट ईयर के पाठ्यक्रम तैयार किए गए है। खास बात तो ये हैं कि, इसके जरिए सभी स्टूडेंट्स अपने वैकल्पिक सब्जेक्ट चुन सकते है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य: उच्च शिक्षा मंत्री @DrMohanYadav51
— Higher Education Department, MP (@highereduminmp) August 12, 2021
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मध्यप्रदेश में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में उल्लेखनीय वृद्धि, इस वर्ष उठाए जाएंगे कई कदम pic.twitter.com/Fu1PI72U5k
न्यू एजुकेशन पॉलिसी में क्या नया लागू होगा?
- पहले साल में सर्टिफिकेट
- दो साल में डिप्लोमा
- तीन साल में डिग्री सहित "मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट" सिस्टम और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू किया जा रहा है।
- साल 2021 के आधार पाठ्यक्रम में योग और ध्यान का पाठ्यक्रम भी जुड़ा है।
कॉलेजों में 25% सीट की बढ़ोत्तरी
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव के अनुसार, साल 2020-21 के 12वीं में मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल, ओपन बोर्ड और सीबीएसई से प्रदेश में करीब 8.23 लाख स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इस संख्या को देखने और विचार करने के बाद प्राइवेट व सरकारी कॉलेजों में सीटें 25% तक बढ़ाई गई है।
प्राइवेट कॉलेज खोलने के नियम हुए सरल
- ऑनलाइन खुलेंगे नए प्राइवेट कॉलेज
- दस्तावेज अपलोड करने पर एनओसी जारी होगी।
- पिछले 2 साल में 89 नए प्राइवेट कॉलेज को अनुमति जारी
- इसमें भूमि संबंधी शर्त, किराए के भवन एवं आवेदन शुल्क संबंधी प्रावधान और किए जा रहे सरल