सभी "आप" प्रत्याशियों की हार, 12 कॉलेजों की सैलरी में विलंब बना मुद्दा
DUTA चुनाव सभी "आप" प्रत्याशियों की हार, 12 कॉलेजों की सैलरी में विलंब बना मुद्दा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) अपना खाता भी नहीं खोल पाई। आम आदमी पार्टी से जुड़े शिक्षकों ने इसके लिए विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों के प्रति दिल्ली सरकार के रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के मुताबिक दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में सैलरी के मुद्दे पर चल रहे विरोध के चलते डीटीए प्रत्याशी डॉ हंसराज सुमन को हार का मुहं देखना पड़ा। आम आदमी पार्टी के समर्थक डॉ हंसराज डूटा कार्यकारिणी में एग्जीक्यूटिव के लिए चुनावी मैदान में उतरे थे।
गौरतलब है कि डूटा चुनाव में मतगणना के बाद घोषित नतीजों में सभी आप समर्थित प्रत्याशियों को पराजय मिली है। इनमें से एक डॉ हंसराज सुमन दो बार एकेडमिक काउंसिल के सदस्य रह चुके हैं, दिल्ली विश्वविद्यालय की बहुत सी कमेटियों में काम किया है, साथ ही वह दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। डॉ हंसराज सुमन के मुताबिक डूटा चुनाव में वह शिक्षकों की वे पसंद थे लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा 12 कॉलेजों के शिक्षकों को समय पर सैलरी न देने के चलते उनकी हार हुई। डूटा में हार को पर उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों के शिक्षकों में सैलरी न मिलने को लेकर को लेकर काफी रोष था। दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों के कुछ शिक्षकों ने वोटिंग के समय भी डीटीए प्रत्याशी के विरोध में लोगों से वोट न करने की अपील की।
डॉ हंसराज सुमन के मुताबिक सैलरी नहीं तो वोट नहीं , जैसे नारे डीयू में लगाए गए। वेतन ना मिलने के मुद्दे पर दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक केजरीवाल व मनीष सिसोदिया को भला बुरा कह रहे थे। खुद प्रत्याशी को यह सब सुनना पड़ा । डीटीए का कहना है कि सैलरी के मुद्दे को लेकर शिक्षकों में जो नाराजगी है, हम पहले भी उनके साथ थे, आगे भी रहेंगे। दिल्ली सरकार के साथ बैठकर समस्या का समाधान निकलेंगे । डॉ. सुमन ने कहा है कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से मिलेंगे । गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के डॉ.ए. के.भागी ने वामपंथी संगठन डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की डॉ.आभा देव हबीब को 1382 मतों से शिकस्त दी।
डॉ. ए.के.भागी को रिकॉर्ड 3584 मत मिले। जबकि वामपंथी शिक्षक संगठन की उम्मीदवार आभा देव हबीब को 2202 मत मिले। कांग्रेस समर्थित शिक्षक संगठन ए ए डी के उम्मीदवार डॉ. प्रेमचंद को 832 मत प्राप्त हुए। निर्दलीय शबाना आजमी को 263 मत ही प्राप्त हुए। डॉ. ए.के.भागी की इस जीत के बाद 24 साल के बाद एक बार फिर से भाजपा समर्थित शिक्षक संगठन एनडीटीएफ ने डूटा अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हुई है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के चुनाव में अध्यक्ष पद पर नवनिर्वाचित नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के डॉ. ए.के.भागी ने विश्वविद्यालय शिक्षक समुदाय का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि डूटा में अध्यक्ष पद की ऐतिहासिक जीत के लिए एनडीटीएफ अत्यंत आभारी है ।
(आईएएनएस)