Death: मशहूर निर्देशक बासु चटर्जी का निधन, छोटी सी बात, चितचोर और रजनीगंधा जैसी फिल्मों का किया था निर्देशन
Death: मशहूर निर्देशक बासु चटर्जी का निधन, छोटी सी बात, चितचोर और रजनीगंधा जैसी फिल्मों का किया था निर्देशन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच बॉलीवुड के गलियारों से लगातार दुखद खबरें आ रही हैं। बीते दिन मशहूर गीतकार अनवर सागर के निधन की खबर आई थी। अब खबर है कि हिंदी सिनेमा के मशहूर फिल्मकार बासु चटर्जी का गुरुवार को 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई में अपनी अपनी अंतिम सांस ली। बढ़ती उम्र के साथ होने वाली दिक्कतों के चलते उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। गुरुवार आज दोपहर दो बजे सांताक्रूज श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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फिल्मकार और भारतीय फिल्म एवं टीवी निर्देशक संघ के अध्यक्ष अशोक पंडित ने बासु दा के निधन की पुष्टि की। अशोक पंडित ने ट्वीट किया, "मैं यह बताते हुए बेहद दुखी हूं कि महान फिल्मकार बासु चटर्जी जी का निधन हो गया है। यह फिल्म जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। आपकी याद आएगी सर।
I am extremely grieved to inform you all of the demise of Legendary Filmmaker #BasuChatterjee ji. His last rites will be performed today at Santacruz West (Opp Police station )crematorium at 3 pm.
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 4, 2020
It’s a great loss to the industry. Will miss you Sir. #RIPBasuChaterjee pic.twitter.com/2Jlu3AqdVX
इन फिल्मों ने दी अलग पहचान
बासु दा को उनकी अलग पहचान बनाने वाली फिल्मों के लिए जाना जाता था। वे 1969 से लेकर 2011 तक फिल्मों के निर्देशन में सक्रिय रहे। चटर्जी ने सत्तर के दशक में कई यादगार फिल्में बनाई हैं, जिन्हें आज भी दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया जाता है। ऋषिकेश मुखर्जी के साथ बासु चटर्जी भी कम बजट में फिल्में बनाकर पेश करते थे, जिनमें सामान्यत: एक आम आदमी की कहानी दिखाई जाती थी।
छोटी सी बात (1975), चितचोर (1976), रजनीगंधा (1974) और बातों बातों में (1979) जैसी उनकी फिल्मों में अमोल पालेकर मुख्य किरदारों में रहे हैं, जिनके माध्यम से उन्होंने यथार्थवादी,करें आम इंसान की कहानी को दर्शकों के सामने लेकर आए। वहीं उनकी सदाबहार फिल्मों में पिया का घर (1972), खट्टा मीठा, चक्रव्यूह (1978), प्रियतमा (1977), मन पसंद, हमारी बहू अल्का, शौकीन (1982) और चमेली की शादी (1986) इत्यादि शामिल हैं।
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साल 1997 में आई फिल्म गुदगुदी उनकी आखिरी फिल्म है, जिसमें अनुपम खेर और प्रतिभा सिन्हा जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में थे। बात करें टेलीविजन की करें, तो चटर्जी दूरदर्शन पर ब्योमकेश बख्शी और रजनी जैसे हिट धारावाहिकों का भी निर्माण कर चुके हैं।
मिले ये अवॉर्ड
वर्ष 2007 में उन्हें आईफा ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा था। इसके अलावा फिल्मों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 7 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड और दुर्गा के लिए 1992 में नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था। उनका जन्म 10 जनवरी, 1927 को राजस्थान के अजमेर में हुआ था। आखिरी वक्त में उनकी दो बेटियां उनके साथ थीं।