B'day: इत्तेफाक से एक्टिंग की दुनिया में आईं साक्षी तंवर, ऐसे बजाया अदाकारी का डंका
B'day: इत्तेफाक से एक्टिंग की दुनिया में आईं साक्षी तंवर, ऐसे बजाया अदाकारी का डंका
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। टीवी सीरियल "कहानी घर घर की" से पॉपुलैरिटी हासिल करने वाली एक्ट्रेस साक्षी तंवर किसी पहचान की मोहताज नही हैं। इस सीरियल के बाद उन्हें हर घर में पहचान मिली। टेलीविजन पर खूबसूरत सफर की शुरुआत के बाद एक्ट्रेस ने बॉलीवुड की तरफ रुख किया और आमिर के साथ फिल्म दंगल में काम किया। फिल्म में उनके काम को काफी सराहा गया। इतना ही नहीं साक्षी वेब सीरीज का भी जाना माना नाम हैं। वे एकता के साथ मिशन ओवर मंगल नामक वेबसीरीज में काम कर चुकी हैं। साक्षी ने अपनी अदाकारी से हर क्षेत्र में अपना रंग बिखेरा है। आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें...
सीरियल 'कहानी घर घर की' से पॉपुलर होने के बाद उन्होंने देवी, जेस्सी जैसी कोई नहीं, बालिका वधु, मैं ना भूलूंगी जैसे टीवी सीरियल में काम किया। वे आमिर के अलावा सनी देओल के साथ फिल्म मोहल्ला अस्सी में भी नजर आ चुकी हैं। साल 2018 में साक्षी ने एक बेटी को गोद लिया और आज वे एक बच्ची की मां हैं।
साक्षी ने कॅरियर की शुरुआत अलबेला सुर मेला नामक शो से की थी। वे इस शो में भी इत्तेफाक से आईं थीं। दरअसल, जब वे मास कॉम्यूनिकेशन और एडमिनिसट्रेटिव सर्विसेस के एग्जाम की तैयारी कर रही थीं उस दौरान उनकी एक दोस्त ने उन्हें इस शो के ऑडिशन में भाग लेने के लिए इंसिस्ट किया। वह एग्जाम तो क्लियर नहीं कर पाईं, लेकिन होस्ट का ऑडिशन क्लियर कर लिया। यही से वे टीवी इंडस्ट्री में एक्टिव हो गईं।
साक्षी ने अपनी पहली सैलरी से पीले और लाल रंग की साड़ी खरीदी थी। साथ अपने परिवार के लोगों के लिए भी शॉपिंग की थी। वे अपने परिवार के लिए बहुत समर्पित हैं। घर में सबसे छोटी हैं, उसके बावजूद सबकी पसंद का वे बहुत अच्छे से ख्याल रखती हैं।
साक्षी तंवर का जन्म 12 जनवरी 1973 को राजस्थान के अलवर में हुआ था। आज वे अपना 47 वां जन्म मना रही हैं। उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। जिंदगी के शुरुआती दौर में साक्षी तंवर ने कभी एक्ट्रेस बनने का नहीं सोचा था। वे दिल्ली के ताज पैलेस होटल में सेल्स ट्रेनी के रूप में काम करती थी। वे खजाना नाम की एक जूलरी और एसेसरीज शॉप में काम कर चुकी हैं। इस शॉप पर उन्हें हर महीना 900 रुपये सेलरी मिलती थी।