इंपोर्टेड प्रीमियम कारों और बाइक्स पर मिलेगी राहत, जानें कैसे मिलेगा फायदा
इंपोर्टेड प्रीमियम कारों और बाइक्स पर मिलेगी राहत, जानें कैसे मिलेगा फायदा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन गवर्मेंट प्रीमियम कारों, महंगी बाइक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों के मौजूदा इंपोर्ट नियमों में थोड़ा बदलाव करने का प्लान बना रही है। इसका मतलब ये है कि सड़क परिवाहन और हाइवे मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट जारी है। ड्राफ्ट के हिसाब से देखा जाए तो कीमतों का दायरा, इंजन क्षमता और लोकल टेस्टिंग में राहत मिलेगी। जिससे वाहन निर्माताओं के लिए महंगे वाहनों को भारत लाना काफी आसान हो जाएगा। खबरों की मानें तो सरकार अब निर्माताओं को विदेश से वाहन आयात करने की अनुमति देने वाली है। लेकिन उन वाहनों की टेस्टिंग और प्रमाणपत्र यूरोप और सिंगापुर की अंतर्राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी ने जारी किया हो। फिलहाल निर्माता कंपनियां किन्ही सैगमेंट के कुछ ही मॉडल को बिना लोकल टेस्टिंग के आयात कर सकती हैं।
ये भी पढ़ें : 18 जून को लॉन्च होगी Mercedes-Benz AMG S 63 Coupe
खबरों की मानें तो इस ड्राफ्ट में सिर्फ 40,000 डॉलर यानी लगभग 27 लाख रुपए से ज्यादा कीमत वाली कारों को ही शामिल किया गया है। इसके साथ ही जिन टू-व्हीलर्स की इंजन क्षमता 800cc या उससे ज्यादा है उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा। सरकार का प्रस्ताव नए नॉर्म्स लाने का है जिससे इन नियमों से निजात मिलेगी। भारत सरकार वाहन निर्माता कंपनियों को सालाना 2,500 यूनिट वाहन आयात करने की अनुमति देने वाली है जिन्हें भारतीय एजेंसियों द्वारा टेस्ट नहीं किया जाएगा। इसकी और ज्यादा जानकारी सरकार के फाइनल ड्राफ्ट बनाने के बाद दी जा सकेगी, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे इस सर्कुलर को जल्द ही पब्लिक डोमेन में लागू कर सकती है।
ये भी पढ़ें : Tata Tigor Buzz की स्पाय फोटोज आई सामनें, जानें कितनी खास है कार
ये भी पढ़ें : Audi Q8 ने ऑटोमोबाइल की दुनिया में बढ़ाई गर्मी, जानें कितनी लग्जरी है कार
बहरहाल, इसका मतलब ये नहीं हुआ कि फिलहाल लागू इंपोर्ट ड्यूटी की दरों में कोई कमी आने वाली है। इंपोर्ट ड्यूटी रेट्स फिलहाल लागू रेट्स जितने ही होंगे और किसी खास सैगमेंट की बात करें तो यह यूनिट की लागत से 100% से भी ज्यादा हो सकती है। इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के तहत भारत में इंपोर्टेड वाहनों का रजिस्ट्रेशन शामिल है जो कुछ राज्यों में काफी मुश्किल भरा काम है। इन सभी आयातित वाहनों का राइट हैंड ड्राइव होने के साथ राष्ट्रों के अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरना जरूरी है। इसका मकसद भारतीय ग्राहकों को बहुत सारे विकल्प उपलब्ध कराना है।