2022 में भारत का सरकारी क्षेत्र रहा हैकर्स के प्रमुख निशाने पर

In 2022, the government sector of India was the main target of hackers
2022 में भारत का सरकारी क्षेत्र रहा हैकर्स के प्रमुख निशाने पर
रिपोर्ट 2022 में भारत का सरकारी क्षेत्र रहा हैकर्स के प्रमुख निशाने पर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के सरकारी क्षेत्रों को निशाना बनाने वाले साइबर हमलों की संख्या में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2022 की दूसरी छमाही में 95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई।

हालांकि हैक्टिविज्म के अलावा अन्य कारणों से भी यह वृद्धि हुई है।

क्लाउडएसईके की रिपोर्ट में कहा गया है, भारत में सरकारी एजेंसियां व्यापक फिशिंग अभियानों के लिए पसंदीदा लक्ष्य बन गई हैं।

इसका प्राथमिक मकसद डेटा हासिल कर इसे मौद्रिक लाभों के लिए बेचना है। हमले के अन्य कारण भी हैं।

यह परिवर्तन पिछले दशक में विभिन्न एपीटी समूहों और हैक्टिविस्ट अभियानों के उद्भव से स्पष्ट है।

भारत के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान एम्स को बड़े पैमाने पर रैंसमवेयर हमले का सामना करना पड़ा, जिसने कई दिनों तक इसके नेटवर्क को चरमरा दिया।

साथ ही रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे के साथ पंजीकृत लगभग तीन करोड़ यात्रियों का डेटा हैक कर लिया गया है और कथित तौर पर डार्क वेब पर बिक्री के लिए रखा गया है।

रेलवे ने बाद में भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के सर्वर से डेटा के संदिग्ध उल्लंघन के दावों का खंडन किया।

जल शक्ति (जल संसाधन) मंत्रालय के ट्विटर हैंडल को भी दिसंबर में दो बार हैक किया गया था, जो फर्जी क्रिप्टोकरंसी गिवअवे स्कैम को बढ़ावा दे रहा था।

रिपोर्ट के अनुसार भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया और चीन पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक लक्षित देश बने रहे।

इन चार देशों में सरकारी क्षेत्र में कुल रिपोर्ट की गई घटनाओं का 40 प्रतिशत हिस्सा है।

(आईएएनएस)

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Created On :   30 Dec 2022 8:30 AM GMT

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