प्रिंटिंग प्रेस का काम कर महिलाओं ने कमाए लाखों रूपए!

Women earned lakhs of rupees by working in the printing press!
प्रिंटिंग प्रेस का काम कर महिलाओं ने कमाए लाखों रूपए!
प्रिंटिंग प्रेस का काम कर महिलाओं ने कमाए लाखों रूपए!

डिजिटल डेस्क | घरेलू कामकाज में ही व्यस्त रहने वाली महिलाएं अब कुछ कर गुजरने की ललक और अपनी इच्छाशक्ति की बदौलत अपने सपनों को आकार दे रही है। उनके इस सपनों को पूरा करने में राष्ट्रीय आजीविका मिशन विहान पूरी मदद कर रहा है। सफलताओं के ऐसे कई किस्से मौजूद है जो आम लोगो को प्ररित कर रही है। जिला कबीरधाम के ग्राम राजनंदगांव और आसपास गांव के दस महिलाओं द्वारा निर्मित गौरी कृपा स्व. सहायता समूह ने प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रिंटिंग प्रेस की शुरूआत की। महज 6 महीने में ही समूह ने 3 लाख 41 हजार 628 रूपए का व्यवसाय किया, जिसमें उसे लगभग एक लाख तीस हजार रुपए का लाभ हुआ।

इस महिला समूह को प्रिंटिंग प्रेस के कामकाज के लिए प्रशिक्षण देकर राजनंदगांवव में संचालित भोरमदेव आजीविका परिसर से जोड़ा गया। कामकाज शुरू करने के महज छः माह के भीतर इस समूह को जिले के लभगभ पांच सौ से अधिक महिला समूहों द्वारा उपयोग में आने वाली रजिस्टर और अन्य स्टेशनरी तैयार करने का आर्डर मिला। समुह ने कड़ी मेहनत कर पांच प्रकार के रजिस्टर का बाइंडिंग, पिनिंग, नंबरिंग, कटिंग, बैठक की कार्यवाही पुस्तिका, लेनदेन पत्रक, लेजर रजिस्टर, मासिक प्रतिवेदन और व्यक्तिगत सदस्य पासबुक तैयार की। गौरी कृपा महिला स्वसहायता समूह ने अपने सभी आर्डर समय पर पूरे किए। इस काम से समूह को लगभग एक लाख तीस हजार रूपए की शुद्ध आमदनी हुई है।

गौरी कृपा महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती शोमी श्रीवास ने कवर्धा में आयोजित 224 करोड़ 74 लाख रूपए के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम के दिन वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से वनटूवन बात करते हुए अपने प्रिंटिंग प्रेस के काम-काज की जानकारी दी थी। उन्होनें मदद के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया था। अपनी इस सफलता से उत्साहित समूह की अध्यक्ष श्रीमती श्रीवास ने कहा कि अब हमारा समूह स्क्रीन प्रिंटिंग के काम में आगे बढ़ने की योजना बना रहे है, जिससे आस-पास के क्षेत्र का कार्ड प्रिंट सहित और काम मिल सके। कबीरधाम जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने महिला समूह की कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जो रजिस्टर अभी जिले में प्राप्त हो रहा है वह पहले राज्य कार्यालय से प्राप्त होता था। कभी-कभी इसे दूसरे मार्केट से समूह को 150 रुपए से 200 रूपए में खरीदना पड़ता था, लेकिन अब यही सामग्री जिले की महिला समूह द्वारा तैयार की जा रही है।

Created On :   16 Jun 2021 2:44 PM IST

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