वायरस का अटैक, तेज बुखार से तप रहे बच्चे, डायरिया का भी प्रकोप, एक साथ कई वायरस कर रहे हमला, मलेरिया की तरह ठंड के साथ आ रहा बुखार

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वायरस का अटैक, तेज बुखार से तप रहे बच्चे, डायरिया का भी प्रकोप, एक साथ कई वायरस कर रहे हमला, मलेरिया की तरह ठंड के साथ आ रहा बुखार
मध्य प्रदेश वायरस का अटैक, तेज बुखार से तप रहे बच्चे, डायरिया का भी प्रकोप, एक साथ कई वायरस कर रहे हमला, मलेरिया की तरह ठंड के साथ आ रहा बुखार

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मौसम में बदलाव के साथ इस बार अलग-अलग वायरस बच्चों पर हमला कर रहे है। वायरस से संक्रमित बच्चे तेज बुखार में तप रहे है। बच्चे तेज बुखार ही नहीं सर्दी-खांसी और सांस लेने में तकलीफ की समस्या के साथ डायरिया का शिकार भी हो रहे है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्षवर्धन कुड़ापे का कहना है कि लगातार तेज बुखार बना रहने पर लापरवाही न बरते बच्चे का चिकित्सकीय इलाज जरुर कराएं।

इस बार वायरल फीवर ने अपना नेचर बदला है। मलेरिया की तरह मरीजों को ठंड देकर तेज बुखार और गले में दर्द की शिकायत भी है। यही नहीं इस बार मरीज को स्वस्थ होने में लगभग १५ दिन का वक्त लग रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों मरीजों की लम्बी कतार देखी जा सकती है। वायरल फीवर की वजह से मरीजों को शुरूआत में कमर, कंधे और पैरों में तेज दर्द झेलना पड़ता है। स्वस्थ होने के बाद भी पेशेंट को शरीर दर्द से आराम नहीं मिल पा रहा है।

बच्चों को भर्ती कर देना पड़ रहा इलाज

डॉ.हर्षवर्धन कुड़ापे ने बताया कि बच्चे तेज बुखार और सर्दी-खांसी से पीडि़त हो रहे है। जिला अस्पताल की ओपीडी के अलावा पीआईसीयू, शिशु वार्ड मरीजों से भरा हुआ है। इनमें सर्वाधिक मरीज वायरल फीवर के है। कुछ बच्चों में निमोनिया के लक्षण भी मिल रहे है। 

लापरवाही न बरतें चिकित्सकीय इलाज जरुरी

पेशेंट को दो या तीन दिन लगातार तेज बुखार रहने पर ब्लड जांच कराने के साथ चिकित्सकीय सलाह से ही दवाएं लें। अभिभावक लापरवाही न बरतें। लगातार बुखार और भोजन न करने से बच्चों में कमजोरी आ जाती है। जिसकी वजह से बच्चों को भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है।

वायरल के लक्षण

  1. - लम्बे समय तक तेज बुखार आना।
  2. - सर्दी-खांसी बने रहना।
  3. - सांस लेने में तकलीफ होना।
  4. - खाना खाने वक्त गले में दर्द होना।
  5. - उल्टी-दस्त होना।
  6. - भोजन छोड़ देना।  

इन बातों का रखें ख्याल

  1. - वायरल होने पर संक्रमित को आइसोलेट कर लें।
  2. - खांसते-छींकते वक्त मुंह और नाक पर रूमाल रखें।
  3. - बाजार की खुली खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें।
  4. - गर्म पानी का सेवन करें।
  5. - पोष्टिक और घर के भोजन का सेवन करें।

ओपीडी में वायरल फीवर पीडि़त बच्चों की संख्या

दिनांक - ओपीडी
1 फरवरी - 18
2 फरवरी - 99
3 फरवरी - 53
4 फरवरी - 70

Created On :   7 Feb 2023 5:19 PM IST

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