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कृषि केंद्रों पर नहीं यूरिया, प्रशासन के दस्तावेजों पर बंफर स्टॉक
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। एक ओर जिला कृषि विभाग द्वारा जिले में यूरिया सहित अन्य खाद का बंफर स्टॉक उपलब्ध होेने की जानकारी दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर जब किसान यूरिया खाद खरीदने के लिए कृषि केंद्रों पर पहुंच रहे है, तो जिले के कुछ कृषि केंद्र संचालकों द्वारा उन्हें यूरिया खाद नहीं हैं, यह कहकर बैरंग लौटाया जा रहा है। जिससे किसानों में कृषि केंद्र संचालकों व जिला प्रशासन के खिलाफ तीव्र रोष व्याप्त है। बताया गया कि जिले में 11 हजार 704.956 मीट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध है।
अब सवाल यह निर्माण हो रहा है कि जब हजारों मीट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध है, तो कृषि केंद्रों में खाद क्यों नहीं? कहीं कालाबाजारी तो नहीं की जा रही हैं। इस संदर्भ में जिला परिषद कृषि विभाग द्वारा दैनिक भास्कर को जानकारी दी गई कि जिले में यूरिया खाद 11 हजार 704.956 मीट्रिक टन उपलब्ध है। इसी प्रकार डीएपी- 405.9 मीट्रिक टन, एसएसपी 10 हजार 281.267 मीट्रिक टन, एमओपी 494.85 मीट्रिक टन, संयुक्त खाद 6 हजार 518.544 मीट्रिक टन, मिश्रित खाद 2 हजार मीट्रिक टन इस प्रकार कुल जिले में उपरोक्त खाद का स्टॉक 31 हजार 405.517 मीट्रिक टन उपलब्ध है। भारी मात्रा में खाद उपलब्ध होने के बावजूद भी किसानों को खाद उपलब्ध नहीं होने के नाम पर जिले के कुछ कृषि केंद्र संचालकों द्वारा बैरंग लौटाया जा रहा है। ऐसे में जिला कृषि विभाग ने इस ओर तुरंत ध्यान देकर कृषि केंद्रों की जांच कर कितने कृषि केंद्रों में कितना यूरिया का स्टॉक उपलब्ध है। यह जानकारी कृषि केंद्रों के फलकों पर देने के आदेश दिए जाने चाहिए। तभी खाद बिक्री में पारदर्शकता बनी रहेगी। उल्लेखनीय है कि जिले में इनदिनांे धान की रोपाई का काम युध्दस्तर पर शुरू है। जिनके पास सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है तथा जिन किसानों की धान की रोपाई पूर्ण हुई है।
ऐसे किसान अब धान की फसल पर यूरिया खाद का छिड़काव कर रहे हंै। लेकिन यूरिया खाद के लिए उन्हें कृषि केंद्रों के बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हंै। जिन किसानों ने 10 दिन के पूर्व ही धान की रोपाई के काम पूर्ण किए है। अब उन्हें यूरिया खाद की आवश्यकता पड गयी है। धान को बढ़ाने के लिए यूरिया खाद की मांग बढ़ जाती है। अधिक मांग को देखते हुए कुछ कृषि केंद्रों में यूरिया खाद का स्टॉक किया जाता है। और मांग के अनुसार ऊंचे दाम पर बेचा जाता है। ऐसे में जिला कृषि प्रशासन द्वारा इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर यूरिया खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है।
Created On :   16 July 2022 6:10 PM IST