मध्यप्रदेश में अभी नहीं थमेगा बेमौसम बारिश का दौर, तेज हवा और ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, जानिए आखिर क्यों आया मौसम में बदलाव
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के कई इलाकों में 14 मार्च से शुरू होने वाला बेमौसम बारिश का दौर अभी भी जारी है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले तीन दिन ऐसे ही बने रहेंगे। गौरतलब है कि बीते 24 घंटे में प्रदेश के कई इलाकों में तेज बारिश व ओलावृष्टि हुई। वहीं कई जगहों पर घने बादल छाए रहे।
पिछले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर चंबल संभाग के शिवपुरी, दतिया और ग्वालियर जिले और सागर संभाग के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, विदिशा, रायसेन, झाबुआ, मंदसौर, रतलाम, नीमच, बैतूल, राजगढ़, सागर, सतना, छतरपुर, दमोह, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, उज्जैन, देवास, शाजापुर, सीहोर, बालाघाट, बुरहानपुर, शिवपुरी, खंडवा, हरदा, मुरैना, धार, डिंडोरी, सिवनी, नरसिंहपुर, रीवा समेत कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश हुई। इस दौरान रायसेन के बाड़ी में सबसे ज्यादा 2.5 इंच बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा सिवनी के बरघाट में 2.28 व बैतूल के शाहपुरा में 1.88 इंच बारिश हुई।
मुसीबत में अन्नदाता
प्रदेश में अचानक बदले इस मौसम ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। तेज आंधी के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से खेत में खड़ी उसकी फसल चौपट हो गई है। दरअसल प्रदेश के कई इलाकों में इस समय गेंहू, चना, आलू और मटर की फसल खेत में या तो पककर खड़ी हैं या फिर पकी हुई फसल कट कर पड़ी हुई हैं। ऐसे में बारिश, आंधी और ओले गिरने से इन्हें भारी नुकसान हुआ है।
क्यों बदला मौसम?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर भारत में एक मजबूत विक्षोभ सक्रिय है। इसी के इफेक्ट से एक प्रेरित चक्रवात पश्चिम-दक्षिण राजस्थान में 14 मार्च से बना हुआ है। जिससे प्रदेश के मौसम में ये बदलाव आया है। 16 मार्च से फिर एक पश्चिमी विक्षोभ बन गया है। दक्षिण-पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी लेकर आ रही है। इन दोनों के मिश्रण से प्रदेश में बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी का दौर चल रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, 20 मार्च तक ऐसी ही स्थिति रहेगी। इसके बाद सिस्टम कमजोर हो जाएगा।
Created On :   18 March 2023 10:22 AM GMT