चंद्रपुर जिले में पखवाड़े भर में तीन बाघों की मौत
डिजिटल डेस्क,चंद्रपुर । जिले में स्थित ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में बाघों की बढ़ती संख्या की वजह से बाघों के निवास की जगह कम पड़ती जा रही है। इस वजह से बाघ अपने लिए सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हंै। ऐसे में कई बार उनको जान गंवानी पड़ी। भद्रावती तहसील के माजरी में एक बाघिन की करंट से मौत के साथ ही जनवरी के प्रथम पखवाड़े में ही चंद्रपुर जिले में तीन बाघों की मौत हो चुकी है जो वनविभाग के लिए चिंता का कारण है।
जनवरी के प्रथम सप्ताह 3 जनवरी को ब्रह्मपुरी वन विभाग अंतर्गत उत्तर ब्रह्मपुरी वनपरिक्षेत्र के मेंडकी नियत क्षेत्र में मेंडकी गांव के गट क्रमांक 451 रामाजी ठाकरे के खेत के कुएं में गिरने से बाघ की मौत हो गई। मृत बाघिन की उम्र 4 से 5 वर्ष होकर वह पिछले 3 से 4 दिन से कुएं में गिरने का अनुमान था। चंद्रपुर जिले के सावली वनपपरिक्षेत्र अंतर्गत व्याहाड़ उपवन क्षेत्र के सामदा परिसर में दहशत मचाने वाले बाघ को 4 जनवरी को पिंजरे में कैद कर नागपुर के गोरेवाड़ा स्थित वन्यजीव संशोधन व प्रशिक्षण केंद्र में भेजा गया था। जहां उपचार के दौरान 14 जनवरी को 3 वर्ष के बाघ की मौत हो गई। वहीं माजरी में सुबह एक बाघिन मृत मिली। वर्ष 2022 में जहां वर्ष भर में 11 बाघों की मौत हुई थी। वहीं इस वर्ष के प्रथम पखवाड़े में 3 बाघों की मौत वनविभाग के लिए चिंता का कारण बन गई है।
Created On :   16 Jan 2023 2:15 PM IST