न्यायाधीश ने माना, पार्थ चटर्जी विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति थे
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव पार्थ चटर्जी विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति थे।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अर्पण कुमार चट्टोपाध्याय ने पाया कि गुरुवार को अदालत में पेश किए गए घोटाले के सात आरोपियों में से एक बेंच पर बैठे थे, जबकि अन्य दो खड़े थे।
चटर्जी के अलावा, बैठे चार अन्य लोगों में पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीएसएसई) के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के पूर्व अध्यक्ष सुबिरेश भट्टाचार्य, डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व सचिव अशोक साहा और आयोग की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व प्रमुख एसपी सिन्हा थे।
हालांकि, घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए दो बिचौलिए प्रसन्ना कुमार रॉय और प्रदीप सिंह अदालत में खड़े थे।
न्यायाधीश ने कहा, वे क्यों खड़े हैं? मैं समझता हूं कि पार्थ चटर्जी विशेषाधिकार प्राप्त हैं। यह ठीक है कि वे बैठे हैं, लेकिन अगर दूसरों को बैठने का अवसर मिलता है, तो बाकी दो खड़े क्यों हैं? यह अच्छा नहीं लगता। सभी को समान अधिकार होना चाहिए।
दरअसल, पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर आपत्ति जताते हुए सीबीआई के वकील ने तर्क दिया था कि उन्हें विशेषाधिकार प्राप्त है और वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
गुरुवार को चटर्जी और छह अन्य की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई और इन सभी को 16 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
(आईएएनएस)
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Created On :   2 Feb 2023 11:00 PM IST