महादेई नदी पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश गोवा के लिए सकारात्मक संकेत

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गोवा महादेई नदी पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश गोवा के लिए सकारात्मक संकेत

डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा के महाधिवक्ता देवीदास पंगम ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक के खिलाफ महादेई जल विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश तटीय राज्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

उन्होंने कहा कि सोमवार को आए शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, कर्नाटक सरकार आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना नदी के पानी का मार्ग नहीं बदल सकती।

पंगम ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में जो कुछ भी कहा है, वह हमारे लिए सकारात्मक संकेत है।

पिछले महीने गोवा के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन ने कर्नाटक को नोटिस जारी कर पड़ोसी राज्य से वन्यजीव अभ्यारण्य से पानी के डायवर्जन को रोकने को कहा था।

उन्होंने कहा, यह इस बारे में है कि कोई वन्यजीव अभयारण्य से पानी को कैसे डायवर्ट नहीं कर सकता है। हमने कहा है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 29 के अनुसार, पानी को डायवर्ट नहीं किया जा सकता। अगर चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन हमारे पक्ष में आदेश देते हैं, तो कर्नाटक पानी को मोड़ने की स्थिति में नहीं होगा। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।

उन्होंने कहा, दूसरी बात, सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में दिए अपने आदेश को दोहराया है कि जब तक कर्नाटक को सभी आवश्यक अनुमतियां नहीं मिल जातीं, तब तक वह अपना काम आगे नहीं बढ़ा पाएगा।

पंगम ने कहा, कर्नाटक ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि उन्हें अनुमति नहीं मिली है और काम शुरू नहीं किया गया है। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने हमें जरूरत पड़ने पर फिर से आवेदन करने की छूट दी।

उनके अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई जुलाई में तय की है, लेकिन अगर कर्नाटक निर्माण गतिविधियों के साथ आगे बढ़ता है, तो गोवा को शीर्ष अदालत के समक्ष अपील करने की स्वतंत्रता है।

उन्होंने कहा कि अब से कर्नाटक के लिए पानी को मोड़ना संभव नहीं होगा, क्योंकि राज्य कानूनी रूप से मजबूत हो गया है।

उन्होंने कहा, हम कार्रवाई कर रहे हैं .. वन मंत्रालय या वन्यजीव संरक्षण प्राधिकरण से अनुमति लेकर जहां भी हम कर्नाटक को ब्लॉक करने की जरूरत पड़ेगी, हम करेंगे।

पंगम ने कहा, अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न स्तरों पर शुरू हुईं इन कार्यवाहियों को तार्किक निष्कर्ष और सकारात्मक दिशा में ले जाया जाए।

गोवा सरकार ने विवादास्पद कलासा-भंडूरी परियोजना को केंद्रीय जल आयोग की मंजूरी पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

(आईएएनएस)

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Created On :   14 Feb 2023 7:30 PM IST

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